पांच दिन से गांव में अंधेरा होने को लेकर ग्रामीण कांग्रेस सरकार की आलोचना कर रहे हैं। ग्रामीणों का तर्क है कि भाजपा सरकार के राज में पर्याप्त बिजली मिल रही थी, लेकिन कांग्रेस की सरकार बनते ही बिजली सप्लाई प्रभावित होने लगी है। पांच दिन हो गए, शिकायत करने के बाद भी बिजली कंपनी के अफसर ट्रांसफार्मर नहीं बदल रहे हैं।
ट्रांसफार्मर पहुंचाया बिजली कंपनी के दफ्तार
गांव का ट्रांसफार्मर फॉल्ट होने से बिजली सप्लाई बंद हो गई। पहले ग्रामीणों ने बिजली कंपनी के अफसरों से शिकायत की। दो दिन में बिजली कंपनी की तरफ से कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद ग्रामीण एकत्रित हुए और चंदा कर पैसे एकत्रित किए। मजदूरों से ट्रांसफार्मर को खंभों से नीचे उतरवाया और बिजली कंपनी के दफ्तार पहुंचाया। बिजली कंपनी के अफसरों ने खराब ट्रांसफार्मर तो जमा कर लिया, लेकिन अभी तक नया ट्रांसफार्मर गांव में नहीं लगाया है, जिसकी वजह से बिजली सप्लाई ठप पड़ी है।
गर्मी के सीजन में पेयजल संकट
ग्रामीणों ने बताया कि गर्मी के सीजन में बिजली सप्लाई ठप होने के कारण दोहरी मार झेलनी पड़ रही है। पहली तो यह कि बिजली नहीं होने के कारण पंखा, कूलर नहीं चल पा रहे हैं और दूसरा यह कि बोर से पानी की सप्लाई नहीं हो पा रही है। गांव के लोग दूर-दराज खेत के बोर और हैंडपंपों से पानी भरकर प्यास बुझा रहे हैं। सबसे ज्यादा दिक्कत महिलाओं को झेलनी पड़ रही है।
कौन क्या कहता है….
– पांच दिन से बिजली नहीं होने के कारण परेशान हो रहे हैं। बिजली कंपनी के अफसर सुनवाई नहीं कर रहे हैं। बिजली सप्लाई के मामले में भाजपा के समय ऐसा नहीं था।
योगेश वर्मा, निवासी हसनाबाद
– ग्रामीणों ने खुद की जेब से खर्चा कर ट्रांसफार्मर को बिजली कंपनी के दफ्तर पहुंचाया है, लेकिन अभी तक नया ट्रांसफार्मर नहीं लगा है। बिजली कंपनी के अफसर मनमानी कर रहे हैं।
अंकित कुमार, निवासी हसनाबाद
– बिजली कंपनी के अफसर मनमानी कर रहे हैं और जनप्रतिनिधि ध्यान नहीं दे रहे हैं, जिसकी वजह से ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। गांव का ट्रांसफार्मर खराब होने से गर्मी में जल संकट भी पैदा हो गया है।
अखलेश वर्मा, निवासी हसनाबाद
वर्जन…..
– गांव में ट्रांसफार्मर रखने की व्यवस्था कर रहे हैं। ग्रामीणों की समस्या जल्द दूर की जाएगी।
एके गुप्ता, डीई बिजली कंपनी सीहोर