सीहोर

राजधानी के नजदीकी जिले में पानी के लिए जद्दोजहद

सीहोर के बडनग़र में भीषण पेयजल संकट, चार किलो मीटर दूर से पानी लाना मजबूरी

सीहोरMay 21, 2019 / 11:09 am

Kuldeep Saraswat

राजधानी के नजदीकी जिले में पानी के लिए जद्दोजहद

सीहोर. गर्मी तेज होते ही भीषण जल संकट की आहट सुनाई देने लगी है। सोमवार को सीहोर के बडनग़र गांव में महिलाओं ने सड़क पर बर्तन रखकर पीएचई के खिलाफ नारेबाजी की। महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन कर प्रशासन को दो दिन का अल्टीमेटम दिया है। महिलाओं का कहना है कि दो दिन में पीएचई के अफसरों ने जल संकट को दूर करने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किया तो कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

बडनग़र गांव में जल संकट इस हद तक पहुंच गया है कि महिलाओं को चार-चार किलो मीटर का सफर करना पड़ रहा है। कोई खेत के बोर से पानी लाकर प्यास बुझ रहा है तो कई दूसरे गांव के हैंडपंप और बोर के सहारे है। सीहोर जिला मुख्यालय से 12 किलोमीटर दूर झागरिया रोड स्थित बडनग़र की आबादी करीब साढ़े तीन हजार है। गांव में पेयजल सप्लाई के लिए 12 हैंडपंप और एक नलजल योजना है, लेकिन जल स्तर काफी नीचे जाने के कारण सभी हैंडपंप सूख गए हैं और नलजल योजना भी बंद पड़ी है। यहां की सरपंच सुरजी बाई भिलाल का तर्क है कि जल स्तर नीचे जाने के कारण हैंडपंप और नलजल योजना ने साथ छोड़ दिया है, पीएचई के अफसरों को कई बार इस बारे में बताया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।

प्यास बुझाने चार किलो मीटर का सफर
बडनग़र गांव की महिलाओं ने बताया कि गांव में पीने के लिए भी पानी नहीं मिल रहा है। महिला और बच्चे दूसरे गांव पिपलिया मीरा और बमुलिया गांव तक पानी भरने जा रहे हैं। कुछ लोग दो-तीन किलो मीटर दूर अपने खेतों पर लगे बोर से पानी लाते हैं। यहां के कई लोग तो बैलगाड़ी में ड्रम रखकर एक गांव से दूसरे गांव पानी भरने जा रहे हैं। साढ़े तीन हजार की आबादी बीतेे करीब एक महीने से जल संकट से जूझ रही है, लेकिन अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं।
दो दिन बाद विरोध प्रदर्शन की तैयारी
ग्रामीण महिलाओं ने सोमवार को गांव में मुख्य सड़क पर बर्तन रखकर पीएचई के खिलाफ सांकेतिक विरोध प्रदर्शन किया। अब महिला दो दिन बाद मतगणना होने के उपरांत कलेक्ट्रेट का घेराव कर विरोध प्रदर्शन की योजना बना रही हैं। महिलाओं ने बताया कि वे जल संकट को लेकर सीहोर कलेक्ट्रेट का घेराव कर कलेक्टर को समस्या से अवगत कराएंगी। महिलाओं ने बताया कि पानी के फेर में उनकी पूरी दिनचार्या खराब हो गई है, भीषण जलसंकट के कारण घर के दूसरे सभी काम प्रभावित हो रहे हैं।

कौन क्या कहता है….
– हमारे पूरे गांव में पानी का इंतजाम नहीं है, दूसरे गांव से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं। पानी के चक्कर में हम मजदूरी करने तक नहीं जा पा रहे हैं।
गुलाब बाई , बडनग़र
– गांव के लगे हैंडपंप सूख चुके हैं। नलजल योजना से भी पानी नहीं मिल रहा है। पानी का भीषण संकट है, अफसर भी इस तरफ ध्यान नहीं दे रहे हैं।
रामश्री बाई बडनग़र

– आसपास पानी के कोई स्त्रोत नहीं होने के कारण पुरुषों को पेट्रोल जलाकर बाइक या साइकिल से पानी लाना पड़ रहा है। पानी के लिए चार से पांच किलोमीटर का सफर कर रहे हैं।

शीला बाई, बडनग़र

– यहां पर पेयजल सप्लाई के लिए एक बोर कराया था, लेकिन जल स्तर नीचे जाने के कारण वह भी बंद हो गया। मैं कल टीम भेजकर समस्या के समाधान की दिशा में प्रयास करता हूं। यहां जो भी विकल्प होगा, उस पर विचार किया जाएगा।
एमके जैन, ईई पीएचई सीहोर

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