सीहोर

भोपाल से बैठक छोड़ बडनग़र पहुंचे ईई, पुराने बोर की सफाई को बुलाई मशीन

सुबह एसडीओ और दोपहर में ईई ने किया बडनग़र गांव का दौरा, पानी के विकल्स खोजने की कवायद शुरू

सीहोरMay 22, 2019 / 10:43 am

Kuldeep Saraswat

भोपाल से बैठक छोड़ बडनग़र पहुंचे ईई, पुराने बोर की सफाई को बुलाई मशीन

सीहोर. बडनग़र गांव के जल संकट की आहट प्रशासन के कान तक पहुंच गई है। गांव के महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बाद मंगलवार को कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा ने पीएचई के ईई एसके जैन को गांव का दौरा कर हकीकत जानने के आदेश दिए। ईई भोपाल बैठक में थे, कलेक्टर मिश्रा से निर्देश मिलते ही पहले तो सुबह के समय उन्होंने एसडीओ रीता किरार को बडनग़र भेजा, लेकिन संतोष जनक जबाव नहीं मिलने और कलेक्टर की सख्ती होने को लेकर दोपहर के समय वे खुद गांव पहुंचे। बताया जा रहा है कि दोपहर के समय ईई भोपाल से बैठक छोड़कर सीहोर आए थे।

भोपाल से सीधे बडनग़र पहुंचे ईई जैन ने पहले तो पूरे गांव का भ्रमण किया और फिर एक पुराने बोर की सफाई कराने के लिए मशीन बुलाने के निर्देश दिए। ईई ने एक निजी मशीन ठेकेदार को फोन कर दिया है, रात तक मशीन गांव पहुंच जाएगी और पुराने बोर की सफाई का काम शुरू हो जाएगा। गांव में ईई ने ग्रामीणों के साथ चर्चा भी की है। यहां पर ईई के पहुंचते ही महिला-पुरूष सोमवार की तरफ खाली बर्तन लेकर फिर से एकत्रित हो गए थे। ईई के सामने भी खाली बर्तन रखकर ग्रामीणों ने नारेबाजी की, जिससे लेकर ईई जैन ने ग्रामीणों के साथ बैठक की और भरोसा दिलाया कि वे जल्द गांव में पेयजल सप्लाई बहाल कराएंगे, इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।

कुआं से डाली जाएगी पाइप लाइन
बडनग़र का भ्रमण करने के बाद सीहोर पहुंचे पीएचई के ईई एसके जैन ने बताया कि गांव में एक कुआं और निजी बोर से पानी की सप्लाई हो गई है। गांव से करीब 300 मीटर दूर एक कुआं है। इस कुआं से एक नलजल योजना की पाइप लाइन डली है और कुछ व्यक्तियों ने खुद के खर्च पर पाइप लाइन डाल रखी है। एक निजी बोर से भी कुछ क्षेत्र में सप्लाई हो रही है। ईई ने बताया कि समस्या के समाधान के तौर पर हम एक तो कुआं से पाइप लाइन डाल रहे हैं और दूसरा एक पुराने बोर की सफाई कराई जा रही है। यदि यहां पानी पर्याप्त मिला तो इसी बोर से गांव में जल आपूर्ति की जाएगी।
भीषण जल संकट से जूझ रहा है गांव
समाजसेवी एमएस मेवाड़ा ने बताया कि बडनग़र गांव भीषण जल संकट से जूझ रहा है। ग्रामीण चार-चार किलो मीटर दूर से पानी ला रहे हैं। पीएचई की टीम ने गांव का दौरा किया है, यदि पानी की व्यवस्था हो गई तो साढ़े तीन हजार की आबादी को राहत मिलेगी। ग्रामीण पेयजल संकट से काफी परेशान हैं।

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