शहर के गंगा आश्रम, चाणक्यपुरी, अवधपुरी, कोलीपुरा, इंदौर नाका, कस्बा, गंज, नेहरू कालोनी, फारेस्ट कालोनी, मुर्दी मोहल्ला, मंडी सहित अन्य क्षेत्रों में कई खाली प्लाट और गड्ढों में जमा पड़ा है। जल भराव के साथ ही पानी सडऩे के साथ ही बदबू मारने लगा है।
मच्छरों के लार्वा के पनपने के साथ ही गंदगी बदबू से क्षेत्र के लोग परेशान है। इसी तरह शहर में बस स्टैंड, गंज, मंडी सहित अनेक स्थानों पर दुकानदारों के अलावा लोगों ने घरों पर फालतू टायरों को छतों पर पटक रखा है। इसमें मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं, लेकिन इस दिशा में अभी तक काम नहीं हुआ है।
इस साल मलेरिया और डेंगू के मिले मरीज
मलेरिया और डेंगू को लेकर मलेरिया विभाग के अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं। पिछले साल मलेरिया के 129 मरीज मिले थे, साथ ही डेंगू के भी 26 मरीज मिले थे। मलेरिया विभाग की माने तो इस साल मलेरिया के 44 मरीज मिल चुके हैं, वहीं इछावर में मलेरिया से ग्राम गौराखेड़ी निवासी रेखाबाई (32) पत्नी रमेश चंद्र की मौत हो गई।
इसके साथ ही डेंगू के 8 मरीज मिल चुके हैं। हालांकि विभाग डेंगू के तीन मामले ही बता रहा है। पांच मरीज बाहर के हैं। विभाग का कहना है कि जहां से भी सूचना मिलती है फागिंग के साथ ही लार्वा सर्वे की कार्रवाई की जाती है।
जिले में पिछले तीन सालों में 147 गांव और क्षेत्रों में मलेरिया, डेंगू आदि मच्छर जनित बीमारियों से पीडि़त लोग मिले हैं। इनमें वर्ष 2015 में 96 गांव और क्षेत्र, वर्ष 2016 में 33 और वर्ष 2017 में 18 गांव और क्षेत्रों को मलेरिया और डेंगू प्रभावित क्षेत्र होने के कारण चिन्हित किया गया है। इस तरह जिले के 147 गांव और क्षेत्रों को मच्छरदानी देने के लिए प्रस्तावित किया गया है।