script4 माह बाद भी नहीं आईं कीट प्रतिरोधी मच्छरदानियां | Pest resistant mosquito nets did not come even after 4 months | Patrika News

4 माह बाद भी नहीं आईं कीट प्रतिरोधी मच्छरदानियां

locationसीहोरPublished: Oct 11, 2018 02:18:35 pm

मच्छर प्रभावित क्षेत्रों में बांटी जानी थी मच्छरदानियां, खाली प्लॉटों व पुराने टायरों में भरा पानी

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4 माह बाद भी नहीं आईं कीट प्रतिरोधी मच्छरदानियां

सीहोर. मच्छर प्रभावित क्षेत्रों में बांटी जाने वाली कीट प्रतिरोधी मच्छरदानियां का प्रस्ताव चार माह पहले भेजा गया था, लेकिन अभी तक मच्छरदानियां नहीं बंट सकी हैं। विभाग का तर्क है मच्छरदानियां आने पर ही बांटी जाएंगी।

शहर के गंगा आश्रम, चाणक्यपुरी, अवधपुरी, कोलीपुरा, इंदौर नाका, कस्बा, गंज, नेहरू कालोनी, फारेस्ट कालोनी, मुर्दी मोहल्ला, मंडी सहित अन्य क्षेत्रों में कई खाली प्लाट और गड्ढों में जमा पड़ा है। जल भराव के साथ ही पानी सडऩे के साथ ही बदबू मारने लगा है।

 

मच्छरों के लार्वा के पनपने के साथ ही गंदगी बदबू से क्षेत्र के लोग परेशान है। इसी तरह शहर में बस स्टैंड, गंज, मंडी सहित अनेक स्थानों पर दुकानदारों के अलावा लोगों ने घरों पर फालतू टायरों को छतों पर पटक रखा है। इसमें मच्छरों के लार्वा पनप रहे हैं, लेकिन इस दिशा में अभी तक काम नहीं हुआ है।

इस साल मलेरिया और डेंगू के मिले मरीज

मलेरिया और डेंगू को लेकर मलेरिया विभाग के अनुभव अच्छे नहीं रहे हैं। पिछले साल मलेरिया के 129 मरीज मिले थे, साथ ही डेंगू के भी 26 मरीज मिले थे। मलेरिया विभाग की माने तो इस साल मलेरिया के 44 मरीज मिल चुके हैं, वहीं इछावर में मलेरिया से ग्राम गौराखेड़ी निवासी रेखाबाई (32) पत्नी रमेश चंद्र की मौत हो गई।

इसके साथ ही डेंगू के 8 मरीज मिल चुके हैं। हालांकि विभाग डेंगू के तीन मामले ही बता रहा है। पांच मरीज बाहर के हैं। विभाग का कहना है कि जहां से भी सूचना मिलती है फागिंग के साथ ही लार्वा सर्वे की कार्रवाई की जाती है।

जिले में पिछले तीन सालों में 147 गांव और क्षेत्रों में मलेरिया, डेंगू आदि मच्छर जनित बीमारियों से पीडि़त लोग मिले हैं। इनमें वर्ष 2015 में 96 गांव और क्षेत्र, वर्ष 2016 में 33 और वर्ष 2017 में 18 गांव और क्षेत्रों को मलेरिया और डेंगू प्रभावित क्षेत्र होने के कारण चिन्हित किया गया है। इस तरह जिले के 147 गांव और क्षेत्रों को मच्छरदानी देने के लिए प्रस्तावित किया गया है।

मलेरिया विभाग ने ऐसे क्षेत्रों में करीब 83 हजार 800 मेडिकेटेड मच्छरदानियां बांटी जाना प्रस्तावित किया गया है। वरिष्ठ कार्यालय को इसका प्रस्ताव भेजा जा चुका है। चार माह पहले भेजे गए प्रस्ताव के बाद भी अभी तक मच्छरदानियां जिले को नहीं मिली हैं।
मलेरिया विभाग की माने तो विभाग को जैसे ही मच्छरदानी मिलेगी। मेडिकेटेड मच्छरदानी नि:शुल्क बांटी जाएगी। इनकी खासियत उसमें लेपित दवां होंगी। लेपित दवा भी 20 धुलाई तक असरकारण होगी। यानि 5 साल तक इसका उपयोग किया जा सकेगा। यदि घर में एक व्यक्ति है तो टाइप-01 मच्छरदानी दी जाएगी।
इसी तरह मां और एक छोटे बच्चे के लिए टाइप 02 और टाइप तीन में दो से ज्यादा व्यक्ति को शामिल किया है।

ये बोले जिम्मेदार

जिले के मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में वितरण के लिए करीब 8 5 हजार कीट प्रतिरोधी मच्छरदानी का आबंटन प्राप्त होने वाला है। मच्छरदानियों का वितरण भी मलेरिया प्रभावित क्षेत्रों में किया जाएगा।
प्रभाकर तिवारी, सीएमएचओ सीहोर

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