ऐसा ही एक मामला सीहोर जिले के आष्टा ब्लॉक का सामने आया है। यहां पर पुलिस ने खुद को कोरोना पॉजीटिव बताने की अफवाह फैलाने वाले एक युवक को जेल भेजने की कार्रवाई की है। बताया जा रहा है कि मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल हुए। वीडियो में युवक स्वयं को कोरोना से ग्रसित बता रहा है। जब यह बात अफसरों तक पहुंची तो स्वास्थ्य अमले ने बताया कि यह युवक कुछ दिन पहले आया था, जांच से पता चला युवक पर कोरोना वायरस का कोई लक्षण नहीं है, वह सिर्फ अफवाह फैला रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बमूलिया खिंची निवासी अरुण (24) पिता देवसिंह विश्वकर्मा इंदौर से अपने गांव आया था। 24 मार्च को वह सुबह बाइक से आष्टा की तरफ आया और वीडियो बनाकर वायरल कर दिया। युवक अस्पताल पहुंचा तो बीएमओ डॉ. प्रवीर गुप्ता ने जांच की तो का कोई लक्षण नहीं मिला है, रिपोर्ट नेगेटिव आई है। इसके बाद भी युवक ने अस्पताल में हंगामा किया तो अस्पताल प्रबंधन ने पुलिस को बुलाकर युवक को गिरफ्तार करा दिया। टीआई अरुणा सिंह ने बताया कि युवक के खिलाफ प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर एसडीएम न्यायालय में पेश किया, जहां से जेल भेजने की कार्रवाई की है।
लॉकडाउन तोडऩे पर मामला दर्ज
नसरुल्लागंज. कोरोना वायरस को लेकर जिले में लॉकडाउन है, लेकिन कुछ लोग अभी भी प्रतिष्ठान खोल रहे हैं। मंगलवार को नसरुल्लागंज पुलिस ने लॉकडाउन तोडऩे पर एक दुकानदार और ग्राहक के खिलाफ मामला दर्ज कर जेल भेजने की कार्रवाई की है। नसरुल्लागंज टीआई शिशिरदास ने बताया कि आरोपी जयप्रकाश अग्रवाल चाय-नाश्ते की दुकान संचालित करते हैं। लॉकडाउन के दौरान जयप्रकाश अग्रवाल ने दुकान खोली और ग्राहक कृष्णा मीना आराम से चाय नाश्ता कर रहे थे। लॉकडाउन का उल्लंघन होने पर पुलिस ने दुकानदार और ग्राहक को गिरफ्तार कर धारा 188, 151 के तहत मामला दर्ज कर एसडीएम शैलेन्द्र हिनोतिया के कोर्ट में पेश किया, एसडीएम ने सुनवाई के बाद दोनों को जेल भेज दिया है। टीआई दास ने सख्त हिदायत दी है कि कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बना हुआ है, सुरक्षा की दृष्टि से लॉकडाउन किया गया है, ऐसे में यदि कोई व्यक्ति प्रतिष्ठान खोलकर खुद की और दूसरों की सेहत को खतरा पैदा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।