यह बात शहर के चाणक्यपुरी स्थित सांई मंदिर के समीपस्थ सात दिवसीय भागवत कथा के पहले दिन पंडित अजय पुरोहित ने कहीं। पहले दिन सुबह कलश यात्रा निकाली गई। कथावाचक पुरोहित ने कहा कि आप जिस पल भी गोविंद का दर्शन करेंगे स्वयं को तरोताजा पाएंगे। इसलिए बाहरी सुंदरता को छोड़कर प्रभु की सुंदरता को निहारों यह सुंदरता आपके दोनों लोक सुधार देगी। जबकि सांसारिक सुंदरता आपके दोनों की लोक को बिगाडऩे का कार्य करती है। उन्होंने कहा कि अभी प्राणी के साथ समस्या यह हो गई है कि वो पूरी तरह से परमात्मा को पहचान नहीं पा रहा है। यही कारण है कि जो हमारा कभी नहीं हो सकता वो उसको पकडऩे में लगा है। मनुष्य केवल मनुष्य को पकडऩे में लगा हुआ है पर वो जानता ही नहीं है कि यह उसके कभी हो नहीं सकते हैं और जो उसका होने के लिए सदा तैयार है। परमात्मा उसको पकडऩे के लिए वो तैयार ही नहीं है।
राजा परीक्षित सुखदेव मिलन का वर्णन आज
आयोजन समिति के मदनलाल गौड़ ने बताया कि कथा दोपहर एक से शाम चार बजे तक चल रही है। मंगलवार को राजा परीक्षित सुखदेव मिलन, बुधवार को धु्रव चरित्र, गुरुवार को भक्त प्रहलाद चरित्र के साथ भगवान श्रीकृ ष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। शुक्रवार को भगवान श्रीकृ ष्ण की बाललीला, शनिवार को माता रुकमणी विवाह और रविवार को सुदामा चरित्र के अलावा हवन पूजन और महाप्रसादी का वितरण किया जाएगा।