विजयादशमी 08 अक्टूबर को
नवरात्र महोत्सव को लेकर कलाकार भी स्थापना के लिए देवी प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में लग गए हैं। कई कलाकार मिट्टी की देवी प्रतिमाएं बनाकर तैयार कर चुके हैं, उनमें रंग भरने का काम कर रहे हैं। पहले दिन यानी 29 सितंबर को विधि विधान से घट स्थापना होगी और उसके बाद से नवरात्र के व्रत प्रारंभ हो जाएंगे। 9 दिन में माता के 9 स्वरूप की पूजा-अर्चना की जाएगी। इस बार दशहरा या विजयादशमी 08 अक्टूबर को है।
सुरक्षा के रहेंगे पुख्ता इंतजाम
नवरात्र महोत्सव को लेकर इस बार पुलिस और प्रशासन काफी सख्त दिखाई दे रहे हैं। भोपाल में श्रीगणेश प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए हादसे को लेकर प्रशासन की मंशा है कि इस बार दुर्गा उत्सव समितियां छह फीट से छोटे साइज की देवी प्रतिमाओं की स्थापना करें। नवरात्र महोत्सव के दौरान किसी भी प्रकार की गड़बड़ी नहीं होनी चाहिए। पुलिस और जिला प्रशासन अभी से सुरक्षा इंतजाम को लेकर अलर्ट है। सीहोर शहर में करीब दो दर्जन स्थान पर माता की प्रतिमा स्थापित की जाती है।
ऐसे होगी देवी की पूजा
29 सितंबर : घट या कलश स्थापना। माता दुर्गा के शैलपुत्री स्वरूप की पूजा।
30 सितंबर : माता के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा।
01 अक्टूबर: माता चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा।
02 अक्टूबर: माता दुर्गा के कुष्मांडा स्वरूप की पूजा।
03 अक्टूबर: मां भगवती के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा।
04 अक्टूबर: माता दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा।
05 अक्टूबर: माता दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की आराधना।
06 अक्टूबर: माता दुर्गा के महागौरी स्वरूप की अर्चना।
07 अक्टूबर: नवमीं हवन, नवरात्रि पारण।
08 अक्टूबर: माता दुर्गा की प्रतिमाओं का विसर्जन।