जानकारी के अनुसार पिछले साल तीन लाख 91 हजार 870 हेक्टयेर में रबी की बोवनी हुई थी। इस साल रकबे में 1730 हेक्टेयर का ही इजाफा हुआ है। अच्छी बारिश के चलते तालाब, तलैया और नदी में अच्छा पानी होने से गेहंू का रकबा ज्यादा ही रहेगा। गेहूं के निर्धारित रकबे में सबसे ज्यादा 70 हजार में तेजस, 41 हजार हेक्टेयर में शरबती और अन्य रकबे में दूसरी किस्म के गेहूं की बोवनी होगी। पिछले साल रबी सीजन में 60 हजार मीट्रिक टन यूरिया आने के बावजूद किसानों को परेशानी हुई थी।
खरीफ बर्बाद, रबी से है उम्मीद
अल्पवृष्टि, अतिवृष्टि, पीला मोजेक सहित अन्य बीमारियों से खरीफ सोयाबीन और अन्य फसल पूरी तरह से बर्बाद हो गई है। जिले में कई जगह किसान अफलन सोयाबीन फसल को काटकर मवेशियों को खिला रहे हैं या फिर आग के हवाले कर रहे हैं। किसानों का कहना हैकि कुछ खेत में थोड़ी बहुत फसल बची है तो उससे लागत तो दूर की बात बोया गया बीज नहीं निकलेगा। अब रबी फसल से ही बहुत उम्मीद है।उसकी समय पर बोवनी के लिए खेतों को खाली करने में लगे हैं।
बोवनी का लक्ष्य
फसल रकबा
गेहूं 343000
चना 45000
मसूर 3000
मटर 200
सरसो 200
अलसी 20
गन्ना 180
अन्य 2000
(नोट: रकबा हेक्टेयर में)
यूरिया का लक्ष्य, वितरण
– 24100 का कुल लक्ष्य
– 39591 हुआ प्राप्त
– 31531 का हुआ वितरण
– 8060 शेष बचा
– 60 हजार की इस साल डिमांड बनाकर भेजी
(मीट्रिक टन में)
वर्जन…
– खरीफ सीजन का ही यूरिया शेष बचा है इसलिए किसानों को कोई घबराने की बात नहीं है।इस साल रबी सीजन के लिए हमारी तरफसे 60 हजार मीट्रिक टन यूरिया की डिमांड बनाकर भेजी गई है।
एसएस राजपूत, डीडीए कृषि विभाग सीहोर