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सीहोर

टपकती छत के नीचे फर्श पर सोने और खुले में भोजन करने को मजबूर बच्चे

आवासीय खेलकूद संस्थान का छात्रावास जर्जर, नव निर्मित भवन भी पड़ा है अधूरा

सीहोरJul 15, 2018 / 01:05 pm

Ram kailash napit

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School children forced to sleep on the floor in the school, forced children of residential school.

सीहोर. आवासीय खेलकूद संस्थान अपनी ही दुर्दशा पर आंसू पर बहा रहा है। इसका खामियाजा इसमें रहने वाले 90 बच्चों को भुगतना पड़ रहा है। हाल यह है कि छात्रावास का भवन जर्जर होने से इसी स्कूल के एक हाल में बच्चों को अस्थाई रूप से ठहराया गया है। जहां बच्चों के लिए न पलंग है ना ही बिजली।

खेलों में दिलचस्पी रखने वाले छात्रों के लिए शहर के भोपाल नाका आवासीय स्कूल बदइंतजामी के बीच संचालित हो रहा है। इस स्कूल में पढऩे वाले बच्चे जिस छात्रावास में रहते हैं उसकी हालत खराब हो चुकी है। पिछले दिनों हुई बारिश के दौरान पहले से जर्जर छात्रावास में पानी भर जाने से बच्चों को स्कूल के हाल में अस्थाई तौर पर ठहराया गया है। स्कूल के हाल में 90 बच्चे टपकती छत के नीचे दिक्कत के बीच रहने मजबूर हैं।

नव निर्मित भवन भी आधा अधूरा पड़ा हुआ है। इस संस्थान में दूसरी जगह के बच्चे रहकर पढ़ाई करते हैं। वैसे ही घर से दूर रहते हैं, ऐसे में उनके सामने बने इस तरह के हालत में उनकी पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। इसके बावजूद अफसर, जनप्रतिनिधि इससे अनभिज्ञ बने हुए हैं।


खुले में नीचे झुंड बनाकर खाते हैं खाना
हाल में रह रहे बच्चों के भोजन की व्यवस्था जर्जर भवन में ही है। कई बार तो झुंड बनाकर भोजन करना पड़ता है। फरवरी 2017 में नए भवन की सौगात मिली थी। करीब छह करोड़ 84 लाख की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा है। यह पूरी तरह से बनकर तैयार नहीं हुई है। पुताई के साथ दरवाजे खिड़की और बिजली तक की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में प्रदेश का चर्चित यह संस्थान अपनी दुहाई का दुखड़ा बयां कर रहा है।

छात्रावास भवन जर्जर होने के कारण स्कूल के हाल में ठहराया है। इससे परेशानी हो रही है। मजबूरी में रहना पड़ रहा है।
अजय वर्मा, छात्र आवासीय स्कूल

वैसे ही इस संस्थान में दूर दराज के बच्चे पढ़ाई करते हैं। हमारा सपना हैकि अच्छे से पढ़ाई हो सकें, लेकिन जिस तरह की स्थिति बनी है उससे दिक्कत हो रही है।
बलराम सिंह, छात्र आवासीय स्कूूल
पिछले दिनों तेज बारिश के चलते छात्रावास के आसपास पानी भरने लगा था। कोई अनहोनी न हो इस लिए बच्चों को हाल में ठहराया है। नए भवन में व्यवस्था होने के बाद ही वहां ठहराया जाएगा।
आलोक शर्मा, प्राचार्य अवासीय खेलकूद संस्थान सीहोर

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