हादसा इतना खतरनाक था कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और पत्नी और बेटे की घटना स्थल पर मौत हो गई। वहीं आरक्षक और बड़ा बेटा घायल होने पर सिविल अस्पताल आष्टा से प्राथमिक इलाज के बाद इंदौर रेफर कर दिया, जहां आरक्षक विभवेष शुक्ला की भी मौत हो गई। विभवेष उज्जैन के माधव नगर में आरक्षक था। वह पत्नी और बच्चों को लेकर उज्जैन जा रहा था। डायल 100 ने कार के वायर काटकर उसे बंद किया और शव बाहर निकाले। पुलिस ने विनमेश के परिवार को घटना की सूचना दी है। सतना के सिविल लाइन थाना में पदस्थ पत्नी के भाई शत्रुघ्र गौतम सूचना के बाद वहां से रवाना हो गए, अब उनके आष्टा पहुंचने पर गुरुवार सुबह मां-बेटे के पीएम होगा।
भोपाल-इंदौर हाइवे पर एक सप्ताह के अंदर यह दूसरा भीषण सड़क हादसा हुआ है। कुछ दिन पहले ही कार खड़े वाहन से भिड़ गई थी, जिससे भोपाल निवासी तीन लोगों की मौत हो गई थी। उस दौरान भी वाहनों की रफ्तार और डेंजर पाइंट पर सुरक्षा इंतजाम करने की मांग उठी थी, लेकिन लापरवाही का आलम यह रहा कि कुछ नहीं हो सका है।
आरक्षक मूलत: सतना जिले के रहने वाले हैं। मृतक के पिता अशोक कुमार शुक्ला रीवा जिला के गढ़ में पदस्थ रहे। उनके चार भाई बहन हैं। बड़ी बहन रीता तिवारी उज्जैन में ही आरक्षक हैं। एक बहन कविता रीवा में और भाई पंकज शुक्ला सूरत में इंजीनियर है। परिवार मूलत सतना जिले के तुर्की का है।
मां की तबीयत खराब होने पर गए थे सतना
माधवनगर थाना एसआई सलमान कुरैशी ने बताया कि विभवेष शुक्ला माधवनगर थाने में आरक्षक था। एक माह पूर्व वह मां की तबीयत खराब होने पर परिवार सहित कार में सवार होकर सतना गए थे। बुधवार को उनकी छुट्टियां खत्म होने वाली थी। इसके लिए वे सतना से सुबह कार में सवार होकर परिवार वालों के साथ उज्जैन लौट रहे थे। तभी आष्टा के पास उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। किसान आंदोलन में ड्यूटी कर लौट रहे इंदौर के पुलिसकर्मियों ने सुबह हादसे को देख वाहन रोका। इसके बाद आष्टा पुलिस को सूचना देकर घायलों को निकालना शुरू कर दिया। हादसे के बाद भी कार चालू थी, जिसे पुलिस ने वायरिंग काटकर बंद की।
माधवनगर थाना एसआई सलमान कुरैशी ने बताया कि विभवेष शुक्ला माधवनगर थाने में आरक्षक था। एक माह पूर्व वह मां की तबीयत खराब होने पर परिवार सहित कार में सवार होकर सतना गए थे। बुधवार को उनकी छुट्टियां खत्म होने वाली थी। इसके लिए वे सतना से सुबह कार में सवार होकर परिवार वालों के साथ उज्जैन लौट रहे थे। तभी आष्टा के पास उनकी कार अनियंत्रित होकर पेड़ से टकरा गई। किसान आंदोलन में ड्यूटी कर लौट रहे इंदौर के पुलिसकर्मियों ने सुबह हादसे को देख वाहन रोका। इसके बाद आष्टा पुलिस को सूचना देकर घायलों को निकालना शुरू कर दिया। हादसे के बाद भी कार चालू थी, जिसे पुलिस ने वायरिंग काटकर बंद की।
जताखेड़ा जोड़ के पास हुए सड़क हादसे में मां बेटे की मौत हुई है। जहां तक हाइवे पर हादसे होने की बात है तो हमारी तरफ से रोड निर्माण एजेंसी को सुरक्षा इंतजाम करने पत्र लिखा है। लोगों को भी वाहन सावधानी पूर्वक चलाने की जरूरत है।
मोहन सारवन, एसडीओपी आष्टा