प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का प्रस्ताव शासन को भेजा, एसएलसी की बैठक में लिया जाएगा निर्णय
सीहोर। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना से जिले के किसानों की पौ बारह होने को है। पहले जहां अच्छी बारिश होती थी, उसी जगह अच्छी फसल हो पाती थी। नई सिंचाई योजना के तहत उन क्षेत्रों के किसानों को भी अच्छी फसल उगाने का मौका मिल सकेगा, जहां बारिश नहीं हुई है।
पानी की एक बूंद-हर बूंद के उपयोग से उत्पादन को बढ़ावा देने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का ढाई हजार करोड़ का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। सब कुछ ठीक रहा तो वह समय दूर नहीं जब किसानों के भी अमीरों की तरह अपने ठाठ होंगे।किसानों की शत-प्रतिशत खेती की जमीन को सिंचित क्षेत्र में बदला जाएगा। सिंचाई क्षमता में बढ़ोत्तरी और उपलब्ध सिंचाई संसाधनों से अधिकतम क्षेत्र में सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवायी जाएगी। जल की बर्बादी पर रोक लगाने के साथ ही रिचार्जिंग और जल के न्यायिक उपयोग के लिए किसानों को प्रशिक्षित किया जाएगा। यह सब संभव प्रधानमंत्री कृषि सिंचाईयोजना से होगा। योजना में एक्सलरेटेड इरीगेशन बेनिफिट कार्यक्रम में ऑनगोइंग मध्यम एवं वृहद सिंचाई परियोजना को पूरा किया जाएगा। हर खेत को पानी कार्यक्रम में लघुत्तम सिंचाई तालाब, फार्मपौंड, स्टॉप डैम का निर्माण और जीर्णोद्धार, सामुदायिक नलकूप, अनुदान पर नलकूप एवं कुआँ खनन, पुराने लघुत्तम सिंचाई तालाब और सिंचित क्षेत्र में जल वितरण प्रणाली का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा।
चार घटक में होगा काम
योजना के तहत 4 घटक हैं, जिनके जरिए इसे क्रियान्वित किया जाएगा। पहला घटक एक्सीलेटेड एरिगेशन बेनिफिट प्रोग्राम है, जिसमें वृहद-मध्यम सिंचाई परियोजना पर कार्य किया जाएगा। दूसरा घटक ‘हर खेत को पानीÓ में सतही, भूमिगत संरचना के जरिए सिंचाई संसाधन विकसित किए जाएंगे। तीसरे घटक पर ‘ड्रॉप मोर क्रॉप योजनाÓ में सूक्ष्म सिंचाई योजना के कार्य लिए जाएंगे। चौथे घटक जल-ग्रहण क्षेत्र में वॉटर-शेड कार्यक्रम और मनरेगा के जरिए सिंचाई योजना पर काम होगा। योजना में 6 0 प्रतिशत अंश भारत सरकार का और 40 प्रतिशत राज्य सरकार का होगा।
पांच साल में पूरा होगा योजना का काम
प्रधानमंत्री सिंचाई योजना का ढाई हजार करोड़ रूपए का प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है। योजना का काम अगले पांच सालों में पूरा होगा। प्रस्ताव पर स्टेट लेबल की एसएलसी की बैठक में निर्णय लिया जाएगा। प्रधानमंत्री सिंचाई योजना के परियोजना अधिकारी राय ने बताया कि योजना का प्रस्ताव भेजे करीब एक माह पहले ही भेजा जा चुका है।
ये काम होंगे
जल संरक्षण तथा भू-जल संवर्धन के कामों में कंटूर ट्रेंच, गली प्लग, बोल्डर स्ट्रक्चर, स्टोन बंड, गेबियन संरचना, फीडर चैनल के कार्य होंगे। जल संरक्षण के उद्देश्य से परकोलेशन तालाब, नदी, नालों पर मिट्टी एवं बोल्डर के बंधान, स्टाप और चेक डैम, एनीकट, तालाब, मेढ़ बंधान, खेत तालाब, खेत रिचार्ज पिट, कुआं रिचार्ज, भूमिगत डाइक, पुरानी जल संग्रहण संरचनाओं का सुधार, जीर्णोद्धार और गाद निकालने के कार्य होंगे। इसी प्रकार जल वितरण एवं भू-जल दोहन के लिये कुआं और नहर निर्माण, नहरों की लाइनिंग, जल वितरण प्रणाली, उद्वहन सिंचाई जैसे कार्य होंगे। इसके अलावा क्षेत्र की आवश्यकताओं के अनुरूप सिंचाई और जल संरक्षण से जुड़े अन्य उपयोगी कार्य भी हो सकेंगे।