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सहस्त्रलिंगेश्वर में समाहित हैं एक हजार शिवलिंग

locationसीहोरPublished: Mar 04, 2019 10:11:02 am

शहर में निकाली जाएगी भव्य शिव बरात, बाहर के कलाकार देंगे सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

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Sehore. Preparations made on Mankameshwar temple about Shivratri.

सीहोर. शहर में सोमवार को महाशिव रात्रि का पर्व उत्साह से मनाया जाएगा। भव्य शिव बारात निकाली जाएगी। शिव बाजात में बाहर के कलाकार सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे। शिव बारात की तैयारियां बीते एक सप्ताह से चल रही हैं। शिवरात्रि पर्व को लेकर शहर के शिवालय सजकर तैयार हो गए हैं। शहर के सहस्त्रलिंगेश्वरा शिव मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, भूतेश्वर मंदिर में विशेष पूजा अर्चना की जाएगी। अल सुबह से ही यहां पर भगवान शिव का अभिषेक शुरू हो जाएगा।
शहर के बढिय़ाखेड़ी में सबसे पुराना शिवालय स्थित है। यह सहस्त्रलिंगेश्वर के नाम से प्रसिद्ध है। यहां एक शिवलिंग में एक हजार शिवलिंग समाहित हैं। बताते हैं कि मंदिर करीब दो सौ साल पुराना है। सहस्त्रलिंगेश्वर की प्रतिमा सीवन नदी से निकली थी। इसी कारण सीवन नदी के किनारे सहस्त्रलिंगेश्वर का मंदिर बना दिया गया। इस मंदिर की ख्याति पूरे देश में है और देशभर के श्रद्धालु यहां दर्शनों के लिए आते हैं। श्रावण मात्र में यहां भक्तों का तांता लगा रहता है।
पेशवाकालीन मंदिर मनकामेश्वर
तहसील चौराहे के पास स्थित मनकामेश्वर मंदिर पेशवाकालीन है। इस मंदिर में भगवान के दर्शन मात्र से भक्तों के पाप खत्म हो जाते हैं और बनोकामना पूरी जाती है। इस मंदिर की विशेषता है कि यहां बनी बावड़ी में हमेशा पानी रहता है। मनकामेश्वर मंदिर में श्रावण मास में बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं। मनोहारी शिव मंदिर में वैसे तो सालभर भक्तों का तांता लगा रहता है, लेकिन श्रावण मास में मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना के अलावा भव्य रूप से भोले का श्रृंगार किया जाता है।
भूतेश्वर महादेव मंदिर
सीवन नदी तट के पास गणेश मंदिर रोड पर भूतेश्वर महादेव मंदिर पर श्रद्धालुओं की आस्था श्रावण मास में काफी बढ़ रही है। श्रावण मास में यहां मेले सा दृश्य रहता है। एकांत स्थान और सीवन नदी के तट पर मंदिर होने से श्रावण मास में यहां प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा रहता है। आराधना में लीन होकर पूजा-अर्चना करने शिवभक्त बड़ी संख्या में यहां पूजन पाठ करने पहुंचते हैं। इस मंदिर का इतिहास भी सौ साल से अधिक पुराना बताते हैं। यहां मंदिर पर भक्तों का तांता लगा रहता है।
गुप्तेश्वर महादेव मंदिर
स्टेशन रोड के पास स्थित गुप्तेश्वर महादेव मंदिर अमर टाकीज के पास स्थित है। भक्तों की गुप्त से गुप्त मन्नतें ही बिना मंागे यहां पूरी हो जाती है। मंदिर करीब 170 साल पुराना है। बताते हैं कि जैसा नाम है, वैसे ही इस मंदिर के गुण है। समाजसेवी भगवान दास अग्रवाल ने इस मंदिर की नींव रखी थी। पूर्व में यहां बगीचा था और बगीचे में ही मंदिर की मड़ैया थी। श्रावण मास में यहां भव्य रूप से भगवान भोले की पूजा-अर्चना की जाती है।
चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर
चमत्कारेश्वर महादेव मंदिर जिला अस्पताल के सामने और नगर पालिका के पास स्थित है। भगवान भोले के चमत्कार के यहां अनेक किस्से हैं। भगवान से जो मांगा जाता है भक्तों की कोई मुराद अधूरी नहीं रहती है। पिछले सालों से अच्छी बारिश के लिए इसी मंदिर में भगवान का अभिषेक किया जा रहा है। इसके बाद से शहर में बारिश हो रही है। इस मंदिर से मुराद पाने वाले अनेक शिवभक्तों की आस्था यहां जुड़ी हुई है।

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