यह निर्देश मंगलवार को कलेक्टर सभाकक्ष में आयोजित अशासकीय सीबीएसई विद्यालय प्राचार्यों की बैठक के दौरान जिला पंचायत सीईओ अरुण कुमार विश्वकर्मा ने दिए। बैठके के दौरान डीपीसी अनिल श्रीवस्तव भी मौजूद थे।
सीईओ विश्वकर्मा ने कहा कि कोई भी विद्यालय प्रांगण से अथवा दुकान से विद्यालय की पाठ्य-पुस्तक नोटबुक, यूनिफार्म एवं अन्य सामग्री का वितरण एवं विक्रय नहीं करेगा। इस संबंध में शिकायत मिलने पर संबंधित स्कूल के खिलाफ मान्यता समापित की कार्रवाई का प्रस्ताव लोक शिक्षण संचालनालय भेजा जाएगा।
विश्वकर्मा ने निर्देश दिए कि विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा उपयोग की जाने वाली नोट बुक स्टेण्डर्ड साईज की होनी चाहिए। कोई भी विद्यालय किसी दुकान विशेष एवं व्यक्ति विशेष को लाभ देने के लिए नोटबुक के साईज में बिना किसी उचित कारण के परिवर्तन नहीं कर सकेगा। किसी भी नोटबुक, यूनिफार्म टाई, बेल्ट आदि में विद्यालय के प्रचार-प्रसार के लिए मोनों व चिन्ह नहीं होना चाहिए। किसी विशेष ब्राण्ड अथवा साईज की नोटबुक क्रय करने के लिए छात्र-छात्राओं को बाध्य नहीं किया जाएगा।
एक माह पहले प्रदर्शित हो नमूना
सीईओ विश्वकर्मा ने निर्देश दिए है कि विद्यालय के विद्यार्थियों के लिए यूनिफार्म नमूना विद्यालय के शैक्षणिक सत्र 2020-21 के प्रारंभ होने के एक माह पूर्व अवश्य प्रदर्शित किया जाए। छात्र-छात्राएं अपनी आवश्यकतानुसार यूनिफार्म उचित मूल्य पर अपनी सुविधा अनुसार क्रय कर सकें।
किसी भी स्थिति में विद्यालय द्वारा निर्धारित स्थल अथवा दुकान से यूनिफार्म क्रय करने के लिए छात्र-छात्राओं को न तो किसी भी प्रकार की समझाइश दी जाएगी और न ही उनको बाध्य किया जाएगा। बैठक के दौरान उन्होंने कहा कि स्कूल परिवहन में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन करना सुनिश्चित करें। उल्लेखनीय है कि पिछले कुछ समय से यह भी शिकायतें सामने आई थी कि कुछ स्कूल प्रबंधन एक निर्धारित दुकान से ही यूनिफार्म और कोर्स लेने के लिए बच्चे व उनके अभिभावकों पर दबाव बना रहे हैं।