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मैडम ! पापा दुनिया छोड़ गए, फीस के रुपए नहीं हैं, मेरा भविष्य बर्बाद हो जाएगा

locationसीहोरPublished: Oct 13, 2018 11:09:05 pm

Submitted by:

Manoj vishwakarma

छात्रा की पीड़ा सुन प्राचार्य की आंखों में आएं आंसू, जमा कराई फीस, मदद के लिए दूसरों को भी करतीं हैं प्रेरित

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मैडम ! पापा दुनिया छोड़ गए, फीस के रुपए नहीं हैं, मेरा भविष्य बर्बाद हो जाएगा

सीहोर. मैडम ! पापा इस दुनिया में नहीं है। अब भी ११५० रुपए शेष रह गए हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति गड़बड़ा गई है।फीस भरने की भी हैसियत नहीं है। ऐसे में फीस जमा नहीं हुई तो भविष्य बर्बाद हो जाएगा।
यह दर्दभरी पीड़ा प्राचार्य को बताते ही एमएलबी (महारानी लक्ष्मी बाई) स्कूल में पढऩे वाली कक्षा १० वीं की छात्रा तनू कुशवाहा की आंखों से आंसू छलक उठे। छात्रा की बात सुन प्राचार्य सरिता राठौर भी अपने आंसू रोक नहीं पाई। उन्होंने छात्रा को दिलासा देकर उसकी फीस जमा कराई। शिक्षा सत्र का ढाई महीने से अधिक समय बीतने के बाद भी राशि जमा नहीं कराई तो प्रबंधन ने इसके बारे में छात्रा से कारण पूछा था। इसके बाद प्राचार्य ने यह कदम उठाया।
फीस हो गई थी चोरी

स्कूल की कक्षा 12 वीं की छात्रा ज्योति मालवीय की इससे हटकर कहानी है।शुरूआत में उसने उत्कृष्ट स्कूल में प्रवेश लिया था।यहां उसे अच्छा नहीं लगा तो एमएलबी स्कूल पहुंची।इस दौरान उत्कृष्ट में जमा कराई फीस वापस नहीं मिली। परिजन ने दूसरे रुपए की व्यवस्था कर फीस जमा की। जिसे लेकर वह स्कूल पहुंची। यह राशि चोरी हो गई। कमरे में ही रोते हुए प्राचार्य की नजर पड़ी तो उससे कारण पूछा। छात्रा ने प्राचार्य को आप बीती बताई तो प्राचार्य ने पूरी राशि को जमा करा दिया। नरसिंहखेड़ा की कक्षा १२वीं की छात्रा शालू मालवीय सहित इस साल १० छात्राओं की प्राचार्य ने फीस जमा की। इसमें तीन छात्राओं की फीस अभी जमा कराई है।
300 छात्राओं की कर चुकीं हैं मदद: सरिता

प्राचार्य सरिता राठौर ने बताया कि उनका उद्देश्य यही है कि कोई छात्रा परेशान नहीं हो। इस कारण से उनकी समस्या को दूर करने लगे रहते हैं। अब तक 300 छात्राओं की स्वयं के पास से फीस जमा करा चुकी हैं। यह वह छात्राएं हैं जो फीस चुकाने में असमर्थ थी। इससे उनका पढ़ाई कार्य प्रभावित नहीं हुआ। प्राचार्य ने बताया कि दूसरों को भी इस तरह की पहल करने आगे आने को लेकर प्रेरित करते रहते हैं। जिससे कि गरीब बालिकाओं को इसका लाभ मिल सकें।
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