मजदूरों की 19 हजार रुपए की राशि बनी थी
डिप्टी कलेक्टर को दर्ज कराई शिकायत में आरोप लगाते हुए बताया कि साल 2017 से 2019 तक ग्राम पंचायत बड़घाटी ने आवास रोजगार गारंटी योजना में 18 लोगों से मजदूरी का काम कराया था। प्रति मजदूरी के हिसाब से सभी मजदूरों की 19 हजार रुपए की राशि बनी थी। ग्रामीणों का आरोप है कि इसमें एक हजार तो किसी को दो हजार रुपए मिले और शेष राशि को पंचायत सचिव गोपालकृष्ण वर्मा और सहायक सचिव कैलाश ने निकाल अपने पास रख ली है।
जांच में पकड़ाएं फर्जी मस्टर
ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि अधिकारियों को शिकायत करने के बाद जांच करने पहुंची टीम ने फर्जी मस्टर मौके से पकड़े थे। इसमेंं सचिव ने फर्जीवाड़ा छिपाने दूसरा मस्टर तैयार कर टीम को दिखा दिया, जिससे वह चले गए। इस राशि को लेकर दो साल से परेशान हैं। पंचायत जाते हैं तो वहां से बता दिया जाता है कि रुपया जमा हो गया है और बैंक जाते हैं तो कहा जाता है कि खाते में राशि नहीं आई है। जिससे पूरा दिन खराब हो जाता है।
कहने जाओ तो डराते हैं
बड़घाटी के रमेश मालवीय ने बताया कि मजदूरी भुगतान को लेकर शिकायत दर्ज कराते हैं तो सचिव और रोजगार सहायक डराते हैं। राशि नहीं मिलने से उधार लिए रुपए नहीं देने के साथ अन्य काम नहीं कर पा रहे हैं। शिकायत दर्ज कराने वालों में शिवराम, अमरसिंह, कैलाश, प्रेमसिंह, लालजीराम, कुमेरसिंह, कृपालसिंह, जयसिंह, रंभाबाई, सुरेंद्रसिंह, कम्मूबाई, सुखराम, रामसिंह, महेश, कैलाशसिंह, जशरथसिंह हैं।
समिति बनाई है
ग्रामीणों ने दो दिन पहले मुझे भी आवेदन देकर शिकायत दर्ज कराई थी। इसकी जांच करने समिति गठित की है। समिति बैंक और अन्य रिकार्ड का अवलोकन कर रही है। कुछ गड़बड़ी तो हुई है, फिर भी पूरी जांच होने के बाद ही इसका स्पष्ट होगा।
डीएन पटेल, सीइओ जनपद पंचायत आष्टा