कलेक्टर गुप्ता ने बिना ज्ञापन लिए जाने से आशा, ऊषा कार्यकर्ता नाराज हो गई। कलेक्टर में हंगामा करते हुए कलेक्टर हाय…हाय… के नारे लगाना शुरू कर दिया। महिलाओं ने नारे लगाते हुए कहा कि ‘सीहोर कलेक्टर डरते हैं, पुलिस को आगे करते हैंÓ कलेक्ट्रेट में महिलाओं का हंगामा बढ़ते देख डिप्टी कलेक्टर बृजेश सक्सेना आए, उन्होंने महिलाओं को समझाया, लेकिन महिलाएं नहीं मानी। बताया जा रहा है महिलाओं ने नहीं मानने पर डिप्टी कलेक्टर सक्सेना ने फोन पर कलेक्टर से बात की, लेकिन पता चला कि कलेक्टर आष्टा निकल गए। महिलाएं काफी देर तक कलेक्ट्रेट के गेट पर बैठी रहीं और फिर अफसरों की समझाइश के बाद डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन दे दिया। ज्ञापन देने के बाद आक्रोशित महिलाओं का नेतृत्व कर रहीं आशा ऊषा आशा सहयोगिनी एकता यूनियन की महासचिव ममता राठौर ने कहा कि यह महिलाओं का अपमान है। महिलाएं अपनी मांगों को लेकर तीन दिन से भूख हड़ताल पर बैठी थीं, पहले तो कोई देखने नहीं आया और जब महिलाएं ज्ञापन देने आईं तो कलेक्टर बिना रूके निकल गए।
आशा, ऊषा कार्यकर्ताओं ने ये रखीं मांग
आशा, ऊषा कार्यकर्ता वेतन वृद्धि, नियमितिकरण के लिए सोमवार से टाउन हॉल के सामने क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठीं थी। बुधवार को आशा ऊषा आशा सहयोगिनी एकता यूनियन ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन देकर छह मांग रखीं। आशा, ऊषा और सहयोगियों ने मांग की है कि यूनतम वेतन 21 हजार रुपए किया जाए। सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ दिया जाए। प्रोत्साहन राशि और मानदेय को प्रत्येक माह के प्रथम सप्ताह में नियमित भुगतान कराया जाए। प्रसूति अवकाश, सीएल, मेडिकल, त्योहार अवकाश प्रदान किया जाए। आशाओं की बीमारी या दुर्घटना की दशा में चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
वर्जन…
– आशा, ऊषा कार्यकर्ता ज्ञापन देने समय लेकर नहीं आईं थी। यदि वे समय लेकर आतीं तो मैं निश्चित ही उनका ज्ञापन लेगा। मेरी भी अपनी व्यस्थताएं हैं। एक जरुरी काम से निकलना था।
अजय गुप्ता, कलेक्टर सीहोर