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कलेक्टर ने जिले की पांच तहसील को किया आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित, बुदनी, रेहटी को छोड़ा

locationसीहोरPublished: Oct 09, 2019 12:00:37 pm

Submitted by:

Kuldeep Saraswat

जावर से बुदनी और रेहटी में हुई ज्यादा बारिश, फिर भी कम हुआ नुकसान का आंकलन

कलेक्टर ने जिले की पांच तहसील को किया आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित, बुदनी, रेहटी को छोड़ा

कलेक्टर ने जिले की पांच तहसील को किया आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित, बुदनी, रेहटी को छोड़ा

सीहोर. अतिवृष्टि के बाद कराए गए फसल नुकसान के प्रारंभिक सर्वे के बाद कलेक्टर ने जिले की आठ तहसील में से पांच को आपदा प्रभावित क्षेत्र घोषित किया है। बुदनी, रेहटी और इछावर को आपदा प्रभावित नहीं माना है। बुदनी, रेहटी और इछावर वह तहसील हैं जहां पर सबसे ज्यादा किसानों ने अतिवृष्टि से फसल खराब होने को लेकर विरोध प्रदर्शन किए थे। नसरुल्लागंज में तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में घेरा डालो, डेरा डालो की तर्ज पर तहसील का घेराव किया गया था। यहां पर एक पूरी रात पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कार्यकर्ता और किसानों के साथ तहसील कार्यालय में गुजारी थी।

सीहोर जिले में खरीफ फसल का रकबा करीब तीन लाख 8 0 हजार हेक्टेयर बोया गया है। दो लाख 70 हजार हेक्टेयर में सोयाबीन की बोवनी हुई है। बोवनी का कार्य एक से 10 जुलाई तक हो गई थी। इसके बाद 25 जुलाई से जिले में ऐसी बारिश शुरु हुई, जो कि अभी तक थमने का नाम नहीं ले रही है। जिले में एक जून से अभी तक 1727.2 एमएम औसत बारिश रेकार्ड की जा चुकी है। सभी तहसील में लगभग बराबर बारिश हुई है। नर्मदा तटीय रेहटी, नसरुल्लागंज और बुदनी तहसील में जावर से ज्यादा बारिश होने के बाद भी यहां पर फसल में नुकसान कम सामने आया है। बुदनी, रेहटी, इछावर को छोड़कर सीहोर जिले की चार तहसील सीहोर, श्यामपुर, जावर, आष्टा के समस्त पटवारी हल्का को कलेक्टर अजय गुप्ता ने आपदा प्रभावित क्षेत्रघोषित किया है।नसरुल्लागंज तहसील के सिर्फ चार पटवारी हल्का 6 2 नीलकंठ, 6 3 छिदगांव काछी, 27 सातदेव और चौरसाखेड़ी को आपदा प्रभावित माना है।

पूर्व सीएम ने तहसील में काटी थी रात
अतिवृष्टि से बर्बाद फसल का सर्वेकर बीमा क्लेम मुहैया कराने की मांग को लेकर 23 सितंबर को पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विदिशा सांसद रमाकांत भार्गव के नेतृत्व में नसरुल्लागंज तहसील कार्यालय का घेराव किया गया। बस स्टैंडपर सभा करने के बाद पूर्व सीएम तहसील कार्यालय पहुंचे यहां पर चौपाल लगाकर समस्याएं सुनी। लेट होने पर समर्थकों के साथ पूरी रात भजन मंडलिया बुलाकर भजन सुने और कंडों पर बाटियां सेकी। नतीजा यह हुआ कि इसी क्षेत्र को आपदा प्रभावित क्षेत्र नहीं माना गया।


जावर से ज्यादा रेहटी, बुदनी में बारिश
एक जून से अभी तक जिले में 1727.2 एमएम औसत बारिश रेकार्ड की गई है। जावर तहसील से ज्यादा बारिश बुदनी, नसरुल्लागंज और रेहटी तहसील क्षेत्र में हुई है इसके बावजूद भी सर्वे में सामने आया है कि इन तहसीलों में 25 फीसदी से कम नुकसान हुआ है।

कहां कितनी बारिश
तहसील औसत बारिश अब तक पिछले साल
सीहोर 1309.5 1998 .6 1235.4
श्यामपुर … 1543.0 915.0
आष्टा 1038 .6 178 5.0 8 6 4.0
जावर … 1414.9 715.3
इछावर 1092.7 1723.0 931.0
नसरुल्लागंज 1133.5 1926 .0 599.2
बुदनी 116 7.9 16 35.0 8 8 0.2
रेहटी …. 1795.2 973.0
(नोट- बारिश एमएम में)

वर्जन
– बुदनी, रेहटी और नसरुल्लागंज तहसील में धान की फसल होती है। धान को ज्यादा पानी की जरुरत होती है इसलिए यहां फसल खराब नहीं हुई है। जहां सोयाबीन की बोवनी हुई है वहां नुकसान 25 फीसदी से कम है।
अजय गुप्ता, कलेक्टर सीहोर
– बुदनी और रेहटी क्षेत्र में सोयाबीन और उड़द की फसल में काफी नुकसान हुआ है। मेरा कहना है कि कलेक्टर एक बार इस पर फिर से विचार करें और इस क्षेत्र का पुन: सर्वे कर आपदा प्रभावित घोषित किया जाए।
रमाकांत भार्गव, सांसद विदिशा

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