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रोशनी के त्योहर पर शहर में छाया अंधेरा

locationसीहोरPublished: Oct 13, 2019 11:58:57 am

Submitted by:

Kuldeep Saraswat

शहर के प्रवेश द्वार सैकड़ाखेड़ी मार्ग और मंडी ओवरब्रिज पर शाम होते ही छा जाता है अंधेरा

रोशनी के त्योहर पर शहर में छाया अंधेरा

रोशनी के त्योहर पर शहर में छाया अंधेरा

सीहोर. शहर में रोशनी के त्योहार दीपावली की तैयारियां शुरू हो गई हैं। शहरवासी घर के अंदर और बाहर रोशनी के इंतजाम कर रहने में लगे हैं, वहीं अफसरों की लापरवाही के कारण शहर के प्रमुख मार्ग और पुल, पुलियाओं पर अंधेरा छाया हुआ है। शहर का प्रमुख द्वार प्रमुख मार्ग सैकड़ाखेड़ी भी बीते करीब 15 दिन से अंधेरे में डूबा है। यहां पर प्रकाश के लिए एलईडी लाइट लगाई गई हैं, लेकिन आधी से ज्यादा बंद रहते हैं। इसी प्रकार शहर का पहला मंडी ओवरब्रिज बीते 10 महीने से रोशनी का इंतजार कर रहा है।

ओवरब्रिज पर स्ट्रीट लाइन लगाने के लिए शहरवासी कलेक्टर अजय गुप्ता से लेकर प्रभारी मंत्री तक से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन यहां पर स्ट्रीट लाइट नहीं लगी है। शाम होते ही अंधेरा छा जाता है। ओवरब्रिज में कई मोड़ हैं, यहां पर अंधेरे के कारण कभी भी गंभीर हादसा हो सकता है, लेकिन जिम्मेदार ध्यान नहीं दे रहे हैं। मंडी ओवरब्रिज पर स्ट्रीट लाइट लगाने को लेकर तो प्रभारी मंत्री ने दो महीने पहले कलेक्टर अजय गुप्ता को सार्वजनिक रूप से निर्देशित किया था कि पीडब्ल्यूडी, रेलवे और नगर पालिका के अफसरों से बात कर स्ट्रीट लाइट लगाने की व्यवस्था करें, लेकिन ओवरब्रिज अभी भी अंधेरे में डूबा हुआ है।

रेलवे और पीडब्ल्यूडी एक दूसरे को बता रहे हैं जिम्मेदार
साढ़े पांच साल में बनकर तैयार हुए 400 मीटर लंबे रेलवे ओवर ब्रिज (आरओबी) पर एक दिन में करीब सात हजार वाहन निकलते हैं और रात के समय प्रकार की कोई व्यवस्था नहीं हैं। आरओबी का निर्माण पीडब्ल्यूडी और रेलवे ने किया है, लेकिन स्ट्रीट लाइट लगाने की जिम्मेदारी से दोनों हाथ खींच रहे हैं। रेलवे रतलाम मंडल के अफसरों का कहना है कि हमारा काम सिर्फ आरओबी निर्माण करना है, स्ट्रीट लाइट पीडब्ल्यूडी लगाएगी, वहीं पीडब्ल्यूडी के अफसरों का तर्क है कि आरओबी रेलवे का है, स्ट्रीट लाइट भी रेलवे लगाएगा। 14.49 करोड़ रुपए की लागत से बने रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण साल 2013 में शुरू किया गया था। निर्माण कार्य की डेडलाइन दो साल रखी गई थी, लेकिन जिम्मेदारों की लापरवाही के कारण साढ़े पांच का समय लगा और अब जब आरओबी दस महीने पहले बनकर चालू हो गया तो अभी तक प्रकाश की व्यवस्था नहीं की गई है।

जिम्मेदार नहीं दे रहे ध्यान, प्रवेश द्वार पर छाया अंधेरा
शहर के प्रवेश द्वार प्रमुख मार्ग सैकड़ाखेड़ी का निर्माण दो साल किया गया था। सड़क का निर्माण सात करोड़ रुपए की लागत से पीडब्ल्यूडी ने कराया, लेकिन इस पर स्ट्रीट लाइट नगर पालिका ने लगाई है। स्ट्रीट लाइट का मेंटेनेंस और बिजली बिल की जिम्मेदारी भी नगर पालिका की तय की गई है, लेकिन नगर पालिका के अफसर ध्यान नहीं दे रहे हैं। सैकड़ाखेड़ी मार्ग की स्ट्रीट लाइट बीते करीब 15 दिन से बंद हैं। रात के समय प्रमुख मार्ग पर अंधेरा छाया रहता है, जिसके कारण रात आठ बजे के बाद भोपाल-इंदौर के लिए आवाजाही करने वाले लोग दशहत में रहते हैं। रात 8 बजे के बाद इंदौर-भोपाल के बीच दौडऩे वाले यात्री वाहन सीहोर बस स्टैंड पर नहीं आते हैं। बायपास होकर सैकड़ाखेड़ी जोड़ से सीधे निकल जाते हैं। रात 8 बजे के बाद शहर में ऑटो भी लगभग बंद हो जाते हैं, इस स्थिति में इंदौर-भोपाल जाने के लिए शहरवासियों को सैकड़ाखेड़ी जोड़ तक इसी मार्ग से पैदल जाना पड़ता है और चारों तरफ सूनसान क्षेत्र होने के कारण वारदात का डर बना रहता है।


वर्जन….
– नगर पालिका अध्यक्ष बदलने की न्यायालयीन प्रक्रिया के कारण बहुत सी योजनाओं पर काम नहीं हो पाया है। पत्रिका ने यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा उठाया है, मैं इस पर अफसरों से बात करता हूं।
अजय गुप्ता, कलेक्टर सीहोर

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