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साहब! जितना मानदेय मिल रहा उससे घर का नहीं हो रहा गुजारा

locationसीहोरPublished: Feb 22, 2020 02:49:34 pm

Submitted by:

Anil kumar

रसोइयों ने रैली निकाली तहसीलदार को दिया ज्ञापन

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

आंगनबाड़ी कार्यकर्ता

आष्टा. साहब! ईमानदारी से काम करने के बावजूद पर्याप्त मानदेय नहीं मिल रहा है। जितना मानदेय मिल रहा उससे महंगाई के दौर में घर का गुजारा नहीं हो रहा है। इससे मजबूरी में उधारी में रुपए लेकर काम चलाना पड़ रहा है। जिससे परेशानी के साथ ही आर्थिक भार बढ़ता जा रहा है।

यह बात सरकारी स्कूलों में मध्यान्ह भोजन बनाने वाली महिलाओं ने चेतना मध्यान्ह भोजन संगठन के नेतृत्व में रैली निकाली तहसील कार्यालय पहुंचकर डिप्टी कलेक्टर व प्रभारी तहसीलदार रवि वर्मा को ज्ञापन देते हुए कहीं। ज्ञापन में बताया कि रसोइयों का मानदेय कलेक्टर रेट की न्यूनतम मजदूरी या मनरेगा की दैनिक पारिश्रमिक के आधार पर या 6 हजार रुपए प्रतिमाह अतिशीघ्र देने की मांग की।

समूह को देने वाले राशन को बढ़ाए
ज्ञापन में बताया कि रसोइयों का सरकारी बीमा कराने की भी मांग की। समूहों के अध्यक्ष व सचिवों ने बढती हुई महंगाई को ध्यान में रखते हुए मध्यान्ह भोजन की प्रति छात्र लागत न्यूनतम 15 रुपए करने, समूह को देने वाले राशन को बढ़ाने, पंचायत स्तर पर राशन दुकाने आवंटित करने, समूहों को आजीविका मिशन से जोड़कर महिलाओं को प्रशिक्षण देकर रोजगार से जोडऩे, पंचायत स्तर पर बनने वाली गौशालाओं के संचालन की जिम्मेदारी सौंपने की बात कहीं।

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