हर महीने की तरह इस बार भी जिला अस्पताल में प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत शिविर लगा। जिसमें जिलेभर से करीब 300 से अधिक महिलाएं पहुंची। अस्पताल में महिला डॉक्टर के जांच करने के बाद उनको सोनोग्राफी कक्ष भेज दिया गया। यहां सुबह 8 बजे बाद महिलाओं की सोनोग्राफी करने लगी भीड़ सुबह 10 बजे कतार में बदल गई। घंटों इंतजार के बाद भी जब कई महिलाओं को नंबर नहीं मिला और न ही सोनोग्राफी हुई तो गुस्सा भड़क गया। महिलाओं ने अस्पताल में प्रबंधन के खिलाफ नारेबाजी कर अपना आक्रोश जताया।
55 महिलाओं की हो सकी सोनोग्राफी
शिविर में सोनोग्राफी करने प्राइवेट डॉक्टर पहुंचे थे। इसमें सुबह से शाम तक 55 महिलाओं की ही सोनोग्राफी हो सकी। शिविर में पहुंची डेंडी निवासी कली बाई ने बताया कि सुबह 6 बजे अस्पताल पहुंच गई थी जिसमें दोपहर दो बज गए हैं। भूखे प्यासे रहकर इंतजार कर रही हूं जिससे काफी परेशानी हो रही है। इसके बाद भी डॉक्टर ने कह दिया है कि अब सोनोग्राफी नहीं हो सकेगी।
नहीं हो सकी रेडियोलाजिस्ट की पदस्थापना
जिला अस्पताल में कुछ समय पहले तक सोनोग्राफी करने का कार्य डॉक्टर नितिन पटेल देखते थे। जिनका ट्रांसफर होने के बाद दूसरे रेडियोलाजिस्ट की अस्पताल में पोस्टिंग नहीं हो सकी है। इसके चलते अस्पताल में पिछले दो महीने से भी अधिक समय से सोनोग्राफी नहीं हो रही है। महिलाएं कक्ष के बाहर तो पहुंचती है, लेकि न मायूस होकर ही लौटना पड़ता है। इधर सिविल सर्जन ने रेडियोलाजिस्ट की पदस्थापना करने उच्च अधिकारियों को पत्र लिखने के साथ मौखिक अवगत कराया है। उसके बावजूद अब तक कुछ नहीं हो सका है।