शासन और स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य सेवा बहाल करने लाख जतन कर करोड़ों रुपए खर्च कर रहा है। उसके बावजूद परिणाम सार्थक नजर नहीं आ रहे हैं। इसकी बानगी जिला अस्पताल में आसानी से देखी जा सकती है। जितनी इसमें मरीजों की संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है, उतनी ही समस्या बढऩे के साथ मनमानी भी उभरकर सामने आ रही है। शुक्रवार को जब पत्रिका टीम ने अस्पताल में पहुंचकर जायजा लिया तो नजारा चौकाने वाला मिला। टीम को सिटी स्केन और सोनोग्राफी कराने वाले मरीज इधर-उधर रूम के चक्कर काटते हुए मिले। उनकी जांच तो नहीं हुई, लेकिन चलता जरूर कर दिया। जैसे मरीज आए वैसे ही मायूस लौट गए। इधर अन्य बीमारियों का इलाज कराने आए मरीजों को भी कई घंटों तक कतार में होना पड़ा। तब कहीं जाकर उनका नंबर आ सका। हाल ये थे कि ओपीडी से लेकर दवाई वितरण तो डॉक्टर कक्ष के सामने मरीज ही खड़े हुए थे। कई बिना इलाज कराएं लौट गए। बता दें कि मौसमी बीमारियों का प्रकोप चलने से ओपीडी का आंकड़ा एक हजार तक पहुंच गया है।
केस 01:- एक सप्ताह से काट रहेे चक्कर दुर्गा कॉलोनी गंज सीहोर निवासी मीना लोधी के पेट में गठन होने से सिटी स्केन होनी है।परिजन का कहना हैकि वह सिटी स्केन कराने अस्पताल में लेकर पहुंचे।उनका आरोप हैकि अस्पताल में सिटी स्केन करने के नाम पर 5 हजार 400 रुपए पहले मांगे गए।उसके बाद ही करने का बोला गया।यह भी कहा गया कि इतनी राशि नहीं दी तो भले ही सिटी स्केन कराने मरीज को भोपाल ले जा सकते हैं।मरीज के परिजन पिछले एक सप्ताह से अस्पताल के चक्कर काट रहे हैं।बावजूद उनका काम नहीं हो सका है।परिजन नीरज लोधी का कहना हैकि गरीब व्यक्ति इतने रुपए कहां से लाएगा।मरीज की हालत बिगड़ती जा रही है।फिर भी कोई ध्यान नहीं दे रहा है।
केस 02:- नहीं हो रही सोनोग्राफी आष्टा तहसील के कन्नौद मिर्जी के कैलाश बागमार की मौसी रामकुंवर बाई पांच दिन से भर्ती है। उनकी जांच होना है। कैलाश ने बताया कि वह सोनोग्राफी करने प्रतिदिन कक्ष में जाता हैतो उसको आज कल की बात कहकर टाला जा रहा है। शुक्रवार को फिर गया तो सोमवार को होने की बात कहीं गई। उसका कहना हैकि इतने रुपए भी नहीं हैकि बाहर सोनोग्राफी जांच करा लें।समझ नहीं आ रहा हैकि इस स्थिति में क्या करें और क्या नहीं।इसी तरह से अन्य मरीजों की भी सोनोग्राफी जांच नहीं हो सकी। जबकि जिला अस्पताल में कई मरीज जांच के लिए पहुंचे थे। उनका काम नहीं हो पा रहा है।
इनका कहना है अस्पताल की बिल्डिंग हैं, लेकिन उसमें बाहर की सिटी स्केन मशीन लगी है। मशीन वालों ने उसका चार्ज फिक्स कर रखा है। जहां तक सोनोग्राफी की बात हैतो जो डॉक्टर जांच करते हैं, उनके रिलेशन में मौत हो गई है। इससे वह अवकाश पर है। १० सितंबर से जांच शुरू हो जाएगी।
भरत आर्य, सिविल सर्जन जिला अस्पताल सीहोर