जानकारी के अनुसार, ओवरनाइट एक्सप्रेस जबलपुर से इंदौर और इंटरसिटी एक्सप्रेस डॉक्टर अंबेडकर नगर (महू) से भोपाल चलती है। साल 2020 के फरवरी महीने तक इन ट्रेनों का सीहोर स्टेशन पर स्टॉपेज था और यात्रियों को लेकर आगे बढ़ती थी। मार्च 2020 में कोरोना के चलते लॉकडाउन के बाद ट्रेनों का संचालन बंद हो गया था। अनलॉक में वापस पहले की तरह ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ, लेकिन रेलवे ने सीहोर स्टेशन पर ओवरनाइट व इंटरसिटी एक्सप्रेस का स्टॉपेज खत्म कर दिया। इसके बाद से ही यह दोनों ट्रेन सीहोर रेलवे स्टेशन से निकल जाती है पर रुकती नहीं है।
कैमरे का काम रुका
सीहोर रेलवे स्टेशन पर एक करोड़ से भी अधिक की लागत से नई हाईटेक सर्वसुविधायुक्त बिल्डिंग बनाई है। बिल्डिंग बनने के बाद निगरानी करने करीब 12 स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगने के साथ एक कंट्रोल रूम बनना था। लेकिन कैमरे लगने का काम पेंडिंग में चला गया है। इससे स्टेशन पर किसी यात्रियों का सामान चोरी या अन्य वारदात हुई तो कैमरे के अभाव में पता लगाना मुश्किल रहता है।
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अपडाउन करने वालों के लिए जरूरी
शहर से कई लोग भोपाल, इंदौर, देवास सहित अन्य जगह अपडाउन कर नौकरी करते हैं। यह दोनों ही ट्रेन निर्धारित समय पर सुबह और शाम को पहुंचती है। ऐसे में अपडाउनर्स के लिए सबसे महत्वपूर्ण है। यात्रियों का कहना है बीच में ट्रेन स्टॉपेज के लिए ज्ञापन, आवेदन दिए थे, लेकिन 29 महीने बाद भी स्ट्रापेज नहीं होना सिस्टम की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। सीहोर स्टेशन पर अभी करीब 16 ट्रेनों का स्टॉपेज हैं और पांच हजार से ज्यादा यात्री आवाजाही करते हैं।