पत्रिका के निर्भीक बचपन अभियान के माध्यम से छात्राओं की समस्या सुन एसडीएम ने कही ग्वालटोली हाईस्कूल की तार फेंसिंग कराने की बात
सीहोर। बच्चों के जीवन पर सबसे ज्यादा प्रभाव महौल का पड़ता है। घर और स्कूल का माहौल अच्छा नहीं है तो बच्चे कैसे निर्भीक बनेंगे। स्कूल में रोज शाम होते ही शराबी आकर बैठ जाते हैं। सुबह जब हम स्कूल आते हैं तो गेट पर शराब की बोतल पड़ी दिखती हैं। मैडम शिकायत करें तो कुछ लोग लडऩे आ जाते हैं। पुलिस के पास जाओ तो पुलिस कहती है कि बदमाश का नाम बताओï? कोई एक व्यक्ति हो तो नाम बता दें, यहां तो कई लोग आकर बैठते हैं। जब तक स्कूल की बाउंड्रीवाल नहीं बनेगी, कुछ नहीं हो सकता है।
बुधवार को पत्रिका ‘निर्भीक बचपनÓ कार्यक्रम में शासकीय हाईस्कूल ग्वालटोली के महिला स्टाफ और बालिकाओं ने कुछ इस प्रकार से एक स्वर में अपनी शिकायत रखी। स्कूल की महिला शिक्षक और बालिकाओं ने बताया कि स्कूल की बाउंड्रीवाल नहीं होने के कारण क्लास रूम के सामने से बाइक और चारपहिया वाहन निकलते हैं। शाम को अंधेरा होते ही असामाजिक तत्व स्कूल परिसर में आ जाते हैं। स्कूल के गेट पर बैठकर असामाजिक तत्वों का शराब पीना और गंदगी करना रोज का काम है। बालिकाओं ने कहा कि सबसे पहले हमारी इस समस्या का समाधान होना चाहिए। पत्रिका टीम ने बालिकाओं की समस्या से तत्काल एसडीएम राजकुमार खत्री को अवगत कराया। एसडीएम खत्री ने भी बालिका, स्कूल के महिला स्टाफ की समस्या को गंभीरता से लिया और तत्काल स्कूल पहुंच गए। एसडीएम खत्री ने बच्चों से बातचीत कर स्कूल परिसर का निरीक्षण किया। एसडीएम ने स्कूल प्राचार्य सुनीता जैन से स्कूल की बाउंड्रीवाल के लिए डिमांड कलेक्टर डॉ. सुदाम खाड़े को भेजने की सलाह दी और कहा कि जब तक स्कूल की बाउंड्रीवाल नहीं बनती है, जेसीबी से स्कूल परिसर को समतल कर तार फैंसिंग करा देते हैं। चार फेंसिंग का काम जनभागीदारी से किया जाएगा। एसडीएम और महिला विंग की प्रभारी एसआई विनीता विश्वकर्मा ने स्कूल परिसर का निरीक्षण कर इस क्षेत्र में पुलिस गश्त बढ़ाने की बात कही है।