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तहसीलदार की धमकी से तनाव में आया किसान, मौत

locationसीहोरPublished: Dec 31, 2018 08:13:10 am

नसरुल्लागंज के अतरालिया गांव का मामला, सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने को लेकर विवाद

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Nasrulaganj Rural demand for compensation of Rs 10 lakh to the victim

नसरुल्लागंज. तहसील के अतरालिया गांव में शनिवार रात करीब 9 बजे एक किसान की मौत हो गई। परिजन ने किसान की मौत के लिए नसरुल्लागंज तहसीलदार को जिम्मेदार बताते हुए अस्पताल में जमकर हंगामा किया। परिजन और रिश्तेदारों के हंगामे के बाद तहसीलदार ने मृतक किसान को जारी किया अतिक्रमण हटाने का नोटिस निरस्त कर शासन से आर्थिक मदद दिलाने का लिखित में भरोसा दिया, तब कहीं परिजन किसान के शव का पोस्टमार्टम कराया तैयार हुए। पुलिस की निगरानी में पोस्टमार्टम होने के बाद शव को नसरुल्लागंज अस्पताल से अतरालिया गांव के लिए रवाना किया गया, जहां पर अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की गई।
नसरुल्लागंज के अतरालिया निवासी रमेश (69) पुत्र बाबूलाल हरिजन की शनिवार रात को अचानक तबियत खराब हो गई। परिजन वृद्ध को लेकर नसरुल्लागंज अस्पताल पहुंचे, लेकिन यहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। वृद्ध की मौत के बाद परिजन ने तहसीलदार प्रकाशचंद पांडे को जिम्मेदार बताते हुए अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। परिजन के हंगामा शुरू करने के साथ ही कई राजनीतिक और सामाजिक लोग पहुंच गए, भीड़ एकत्रित हो गई। पीडि़त की तरफ से क्षेत्रीय नागरिक कैलाश धावरे, चतुर्भुज सोलंकी, रामबकस सूर्यवंशी, संतोष गौर, जसवंत सिंह, रेवाराम जाटव, इमरत पटेल, दिनेश आदि न्याय की मांग करने लगे। इस दौरान मृतक रमेश हरिजन के पुत्र रामकृष्ण हरिजन ने बताया कि उसके पिता बीते कई साल से अतरालिया गांव में सरकारी भूमि पर खेती कर रहे हैं। तीन दिसंबर 2018 को तहसीलदार ने नोटिस जारी कर कब्जे की जमीन सर्वे क्रमांक 59/1 रकबा 2.668 हेक्टेयर के भाग 0.800 को खाली करने और पांच हजार रुपए अर्थदण्ड का जमा करने के आदेश दिए। रामकृष्ण का कहना है कि तहसीलदार के नोटिस को लेकर उसके पिता रमेश हरिजन काफी तनाव में थे। परिवार की आर्थिक स्थित ठीक नहीं है, पूरा परिवार इसी जमीन पर खेती कर पेटभर रहा है। तहसीलदार बार-बार सरकारी जमीन खाली करने की धमकी दे रहे थे, जिसके चलते तनाव में सदमे से उनकी मौत हो गई।
तहसीलदार ने नोटिस किया निरस्त
वृद्ध के परिजन रातभर जिला अस्पताल में हंगामा करते हुए। विवाद बढ़ते देख रविवार सुबह तहसीलदार पांडे राजस्व अमले के साथ मौके पर पहुंचे। परिजन और रिश्तेदार को काफी समझाया, लेकिन वह नहीं माने। बार-बार समझाइश के बाद भी परिजन और रिश्तेदारों का हंगामा बंद नहीं हुआ तो तहसीलदार ने कलेक्टर से बात की और कलेक्टर के निर्देश पर परिजन को लिखित में भरोसा दिलाया कि जमीन खाली नहीं कराई जाएगी। संबल योजना के तहत परिजन को आर्थिक मदद दी जाएगी और मुख्यमंत्री स्वेच्छानुदान योजना के तहत आर्थिक मदद दिलाने के लिए प्रकरण तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। तहसीलदार ने शासन के पट्टे वितरण करने पर सरकारी जमीन का पट्टा दिए जाने का आश्वासन भी लिखित में दिया गया है।
सरकारी जमीन पर बननी है पानी की टंकी
बुदनी विधानसभा में घर-घर पेयजल पहुंचाने के लिए नर्मदा नदी से पाइप लाइन बिछाने का काम चल रहा है। प्रोजेक्ट के तहत अतरालिया गांव में सरकारी जमीन पर पानी की टंकी बनना है। पानी की टंकी निर्माण करने के लिए सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए तहसीलदार न्यायालय से सात ग्रामीण को नोटिस दिए गए थे, जिसमें से रमेश हरिजन की मौत हो गई और उसके बाद विवाद की स्थिति बनी है।
-वर्जन…
सरकारी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस पूरी शासकीय प्रक्रिया का पालन करने के बाद दिया गया है। नोटिस सात व्यक्तियों को दिए हैं। यदि सरकारी जमीन खाली करने के लिए मेरे द्वारा दबाव बनाने की बात कही जा रही है तो गलत है, मैंने किसी को कोई धमकी नहीं दी। -प्रकाशचंद्र पांडे, तहसीलदार नसरुल्लागंज
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