सीहोर. पक्का आशियाना बनाकर उसमें निवास करना सबको अच्छा लगता है। इस सपने को पूरा करने एक गांव के दलित लोग ग्राम पंचायत से लेकर दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। हैरानी की बात यह है कि हर तरफ से मायूसी हाथ लग रही है। इससे उनमें सिस्टम के प्रति आक्रोश पनपता जा रहा है। मंगलवार को जनसुनवाई में महिलाओं ने फिर कलेक्टर को शिकायत दर्ज कराई।
सीहोर जिले की इछावर तहसील के गउखेड़ी निवासी महिलाओं ने बताया कि गरीबी रेखा में जीवनयापन कर दिन निकाल रही हैं। जिस मकान में रहते हैं वह कच्चा होने से हादसे की संभावना बनी रहती है। घर बनाना तो दूर की बात मजदूरी के रुपए से घर चलाना मुश्किल भरा साबित हो रहा है। शासन की आवास योजना चालू होने पर उम्मीद जागी थी कि दिन फिरेंगे। वास्तविक में हमारे लिए ऐसा नहीं हो सका है। योजना में मकान बनाने ग्राम पंचायत में कई बार आवेदन दिए। तहसील से लेकर जिला मुख्यालय पर भी समस्या बताते हुए शिकायत दर्ज कराई। उसके बावजूद कुछ नहीं हो सका है। कई के मकान की दीवार गिरने की हालत में पहुंच गई है। अफसर, जनप्रनिधियों को अवगत कराया तो उनकी तरफ से स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
महिलाओं ने बताया कि उनको शासन की योजना में आवास का लाभ नहीं मिला है। जबकि साल 2011 में हुए सर्वे में नाम आ चुका है। उसके आधार पर आवास का लाभ दिलाने की मांग कर रहे हैं। फिर भी अनदेखा किया जा रहा है। इतने रुपए भी नहीं है कि अपने दम पर मकान खड़ा कर सकें। बिना योजना का लाभ मिले यह संभव नहीं हो सकता है। प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाया जाए। इस अवसर पर मटू बाई, राजू बाई, सिवा बाई, धापू बाई, रेशन बाई, सोरम बाई, संगीता बाई, अयोध्या बाई, लक्ष्मी बाई, पपीता बाई, कुंता बाई, ममता बाई, देव बाई, निता बाई, रेखा बाई, रीना बाई, मानू बाई उपस्थित थीं।
महिलाओं ने शिकायत में कहा कि ग्राम पंचायत ने उनके घर शौचालय बनाए हैं। उनको भी आधा अधूरा बनाया है। इससे उनका उपयोग नहीं हो रहा है। शासन गरीबों के हित में योजना चलाने की बात कह रही है, लेकिन जमीन पर ठीक तरह से मूर्त रुप नहीं ले रही है। हम परेशानी भोग रही हैं। गरीब होकर दिन बीता रहे हैं, फिर भी क्यों उपेक्षा का शिकार किया जा रहा है।
मकान कच्चा होने से रहने में बहुत परेशानी उठाना पड़ रही है। आए दिन दीवार गिरती रहती है। दूसरा मकान नहीं होने से मजबूरी में इसी में रहना पड़ रहा है। शासन की तरफ आस लगाए हैं। – धापू बाई, महिला गांव गउखेड़ी
पंचायत ने शौचालय बनाए हैं, लेकिन आधे-अधूरे बना दिए। किसी का गड्ढा नहीं ढका तो किसी का अन्य काम नहीं किया। जिससे उपयोगहीन साबित हो रहे हैं। इससे दिक्कत हो रही है। -संगीता बाई सिलोरिया, गउखेड़ी
मकान की समस्या कई दिनों से अफसर, जनप्रतिनिधि को बताते आ रहे हैं। उनकी तरफ से किसी ने ध्यान नहीं दिया है। अब किसे समस्या बताए समझ नहीं आ रहा है। कर रहे हैं इंतजार। – मोटू बाई, गउखेड़ी
प्रधानमंत्री आवास योजना की सूची में शिकायतकर्ता महिलाओं के नाम नहीं है। महिलाओं के नाम जोडऩे के लिए पंचायत को लिखा जा रहा है। पंचायत को ग्रामीणों की पात्रता का परीक्षण कर नाम जोड़ जाने का कहा है। इसे बाद आगे की कार्रवाई होगी। -योगेन्द्र राय, प्रभारी प्रधानमंत्री आवास योजना