द्वितीय अपर न्यायाधीश ने जारी किए कुर्की के आदेश, जमीन के मुआवजा राशि का भुगतान नहीं करने किसानों ने लगाया था कोर्ट में प्रकरण
सीहोर. किसानों के मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं करने पर सिंचाई विभाग के वाहन और अन्य सामान कुर्क करने की नौबत बन गई है। आष्टा के द्वितीय अपर सत्र न्यायालय ने जल संसाधन विभाग का सामान कुर्क करने वारंट जारी कर दिया है। कोर्ट के आदेश के परिपालन में सोमवार को जल संसाधन विभाग के सामान की कुर्की होनी थी। जल संसाधन विभाग ने एक माह के भीतर किसानों के रुपया भुगतान के ठोस आश्वासन पर मामला फिलहाल टल गया।
मामले में किसानों की ओर से पैरवी कर रहे भोपाल के अधिवक्ता महेन्द्र महेश्वरी ने बताया कि दस वर्ष पूर्व 2007-08 में आष्टा के सिद्दिकगंज में आने वाले वाले ग्राम झीकड़ी अंतर्गत मनीरामपुरा जलाशय निर्माण के लिए सिंचाई विभाग द्वारा किसानों की 145 एकड़ जमीन 35 किसानों से अर्जित की गई थी।इस दौरान भू अर्जन अधिकारी द्वारा अधिग्रहित किसानों की भूमि को लेकर 21 किसान अंसतुष्ट थे।भू अर्जन अधिकारी कार्यालय द्वारा 2 लाख 90 हजार 303 रुपए सिंचित भूमि का मूल्य एवं असिंचित भूमि का मूल्य 1 लाख 8 4 हजार 375 रुपए प्रति हैक्टेयर के मान से कृषकों को वितरित किया गया था। इन किसानों में से 21 किसानों ने मुआवजा राशि को कम मानते हुए न्यायालय की शरण ली थी। प्रकरण में सुनवाई करते हुए द्वितीय अपर न्यायाधीश जीपी अग्रवाल के न्यायालय ने 14 फरवरी 14 को किसानों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए आदेश जारी किए थे कि सभी 21 किसानों से अर्जित की गई भूमि का मुआवजा सिंचित भूमि का 3 लाख 34 हजार 927 रुपए तथा असिंचित भूमि का 2 लाख 23 हजार 28 5 रुपए मुआवजा दिए जाए।आदेश के तहत किसानों को 59 लाख देने के आदेश जलसंसाधन विभाग को दिए गए थे।
किसानों की तरफ से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने बताया कि 2015 तक जल संसाधन विभाग ने 28 लाख 35 हजार 701 रुपए का भुगतान किया गया। इसके साथ जल संसाधन विभाग द्वारा इन किसानों को कुल 35 लाख 14 हजार 76 9 रुपए का मुआवजा अभी तक नहीं दिया गया। इस पर प्रति वर्ष 44 हजार रुपए ब्याज बढ़ रहा है। जल संसाधन विभाग द्वारा मुआवजे के भुगतान नहीं करने पर द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश जीपी अग्रवाल ने संपत्ति कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए गए।अधिवक्ता महेन्द्र माहेश्वरी ने बताया कि जलसंसाधन विभाग के ईई बीके शर्मा ने बताया कि किसानों के मुआवजे के भुगतान के संबंध में शासन को पत्र भिजवाकर एक माह के भीतर किसानों को मुआवजे देने का ठोस आश्वासन दिया गया है। एक माह के भीतर किसानों को मुआवजे की राशि का भुगतान नहीं होने पर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी।
किसानों की ओर से मामले की पैरवी कर रहे अधिवक्ता महेन्द्र महेश्वरी के अनुसार न्यायालय के आदेश के तहत जल संसाधन विभाग की चल सम्पत्ति में उसके आधिपत्य के वाहन, कुर्सी, पंखे, कूलर, इलेक्ट्रिक सामान, टेबल, अलमीरा, कम्प्यूटर एवं अन्य फर्नीचर को कुर्क किया जाएगा।
न्यायालय के कुर्की संबंधी आदेश से शासन को अवगत कराया जा चुका है। करीब एक माह के भीतर शासन से राशि हमें प्राप्त हो जाएगी, जिसे किसानों को वितरित कर दी जाएगी। -बीके शर्मा, इई, सिंचाई विभाग