प्रधानमंत्री आवास योजना का हितग्राहियों को समय पर लाभ नहीं मिल रहा है। इसकी हकीकत हर दूसरे और तीसरे दिन अफसरों के पास योजना संबंधी आ रहे आवेदन बता रहे हैं। इसके अलावा सीएम हेल्पलाइन पर अलग हितग्राही शिकायत दर्ज करा रहे हैं। यह सब होने के बावजूद अफसर लक्ष्य के अनुरूप हितग्राहियों को योजना का लाभ देने की बात कहकर जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहे हैं। जबकि हालात यह है कि कई लोगों को योजना में पहली-दूसरी किस्त मिलने के बाद वह आगे की राशि के लिए भटक रहे हैं। जिससे उनको काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस तरह की स्थिति सबसे ज्यादा ग्रामीण क्षेत्र में बनी हुई है। हालांकि नगरीय क्षेत्र में भी पीएम आवास योजना की स्थिति बेहतर नहीं है।
साढ़े 32 हजार का रखा है लक्ष्य
साल 2016-17 से शुरू हुई इस योजना में साल 2020 तक जिले के ग्रामीण क्षेत्र में 32 हजार 591 हितग्राहियों को योजना के लाभ देना निर्धारित किया है। अधिकारियों की माने तो अब तक 28 हजार 675 आवास बनकर तैयार हो गए हैं। साल 2019-20 में 6 हजार 962 के लक्ष्य में 4 हजार 264 बनकर तैयार हुए हैं। हितग्राहियों को आवास बनाने अभी तक 38 हजार 711 लाख रुपए की राशि दी है। खास बात यह है कि इसमें 905 अपात्र हितग्राही भी शामिल है। जिसमें से 105 को राशि जारी कर दी थी। हकीकत सामने आई तो 71 लोगों से राशि वापस वसूल की है।
एक लाख 35 हजार रुपए निर्धारित
शासन ने प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में मकान बनाने हितग्राहियों को एक लाख 35 हजार रुपए देना निर्धारित किया है। इसमें एक लाख 20 हजार पीएमएवाय में मकान और 15 हजार मनरेगा के तहत मजदूरी के शामिल है। परियोजना अधिकारी के अनुसार यह राशि चार किस्त में दी जाती है। इसमें दूसरी और तीसरी किस्त 40- 40 हजार रुपए की दी जाती है।
चल रहा है काम
पीएम आवास ग्रामीण का लक्ष्य अनुरूप काम चल रहा है। योजना का लाभ उन्हीं को मिल रहा जिनका 2011 की सर्वे सूची में नाम है। फिर भी जो लाभ नहीं मिलने की बात कह रहे हैं उनको इसकी जानकारी दी जाती है। कई लोग सीएम हेल्पलाइन में शिकायत दर्ज कराते हैं तो उसका निराकरण किया जाता है।
राजेश राय, जिला परियोजना अधिकारी पीएम ग्रामीण आवास योजना