scriptकोरोनाकाल में बिजली बिल देख लगा करंट का झटका | The shock of the current seeing the electricity bill in the coronary | Patrika News

कोरोनाकाल में बिजली बिल देख लगा करंट का झटका

locationसीहोरPublished: Sep 19, 2020 02:16:38 am

Submitted by:

Kuldeep Saraswat

बिजली कंपनी ने मनमर्जी से दिए बिल, 27 हजार में से करीब 10 बिल में गाड़बड़ी का दावा

कोरोनाकाल में बिजली बिल देख लगा करंट का झटका

कोरोनाकाल में बिजली बिल देख लगा करंट का झटका

सीहोर. कोरोना संक्रमणकाल में जब लोग बेरोजगार हो गए हैं और इनकम कम हो गई है, तब बिजली के बिल देख उपभोक्ताओं को 400 वाट करंट का झटका लग रहा है। बिजली कंपनी की तरफ से उपभोक्ताओं के घर भेजे गए बिजली के बिल देखकर लग रहा है कि कंपनी ने बिल रीडिंग के हिसाब से नहीं, बल्कि मनमर्जी से दिए हैं।

बिजली के बिल में तरह-तरह की गड़बडिय़ां देखने को मिल रही हैं। आलम यह है कि कांग्रेस सरकार के समय इंदिरा गृह ज्योति योजना का लाभ लेने के बाद जिन के घर का बिजली बिल 100 से 150 रुपए आ रहा था, उनके बिल बीते दो महीने से 1500 से 3000 रुपए तक आ रहे हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वसूली स्थगित करने की घोषणा की है और बिजली कंपनी वसूली के लिए दबाव बना रही है। शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में कनेक्शन काटे जा रहे हैं, उपभोक्ताओं को अंदाज से बिल भेजकर बिजली की खपत से चार से छह गुना ज्यादा पैसा वसूल किया जा रहा है। उपभोक्ताओं का दावा है कि शहरी क्षेत्र के 27 हजार कनेक्शन में से करीब 10 हजार के बिल में गड़बड़ी हुई है।

बिजली कंपनी के दफ्तर में उमड़ी भीड़
गुरुवार को बिजली कंपनी के कलेक्शन सेंटर और ऑफिस में काफी भीड़ देखी गई है। बिजली कंपनी के कई अफसर दिनभर बिल संसोधन में लगे रहे, लेकिन भीड़ कम नहीं हुई। बिजली कंपनी के ऑफिस में तीन काउंटर पर बिल संसोधित किए जा रहे हैं, दिनभर में 300 से ज्यादा बिल संसोधित किए गए है, लेकिन इससे कई गुना ज्यादा उपभोक्ता बिल संसाधन कराने के लिए लाइन में लगे हुए हैं। 18 सितंबर बिल जमा करने की अंतिम तिथि है, इससे पहले बिल संसोधित होकर जमा नहीं होते हैं तो उपभोक्ताओं को पेनाल्टी देनी होगी।


कोरोना फैला तो संभालना होगा मुश्किल
बिजली कंपनी के ऑफिस और कलेक्शन सेंटर पर इससे पहले इतनी भीड़ कभी नहीं ेदेखी गई है। लाइन में खड़े लोग नंबर आने के लिए धक्का-मुक्की तक कर रहे हैं। पास-पास चार से पांच लाइन लगी हैं। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है, नहीं मास्क की अनिवार्यता का। बिजली बिल जमा करने कलेक्शन सेंटर पर चारों तरफ के लोग पहुंचते हैं, ऐसे में कोरोना संक्रमण फैला तो संभालना मुश्किल हो जाएगा।

एक नजर में….
– शहर में 27 हजार बिजली उपभोक्ता
– 09 करोड़ रुपए बिजली बिल बकाया
– 86 लाख यूनिट बिजली की खपत शहर में हर महीने
– 03 करोड़ खपत के हिसाब से एक महीने में डिमांड
– 36 प्रतिशत बिजली चोरी और लाइन लॉक
– 04 टीम बिजली चोरी रोकने
– 03 टीम शहर में फॉल्ट ठीक करने

उपभोक्ताओं ने सुनाई पीड़ा
– पिछले महीने 140 रुपए का बिल आया था, इस बार 1912 रुपए का बिल पहुंचा है। हमारा एकल बत्ती कनेक्शन है, मजदूरी कर परिवार पाल रहा हूं, इतना बिल कहां से जमा करूंगा। बिल संसोधित कराने आया हूं, कल भी आया था, लाइन में नंबर आने से पहले ही काउंटर बंद हो गया तो लौट गया।
जहूर मोहम्मद, निवासी कस्बा सीहोर


– पिछले महीने हमारा बिल 472 रुपए आया था, इस बार 5536 रुपए आया है। बिल संसोधन कराने के लिए लाइन में लगा हूं। इतनी बड़ी राशि का बिल हमारा कभी नहीं आया, इस बार पता नहीं बिजली कंपनी ने किस हिसाब से बिल दिया है।
महेश कुमार सेन, निवासी देवनगर कॉलोनी


– हमारा बिल 500 रुपए से ज्यादा कभी नहीं आता है। पिछले महीने 600 रुपए आया था तो हमने जाम कर दिया, लेकिन इस बार 2400 रुपए का बिल दिया है। इतनी बड़ी राशि हम कहा से जमा करेंगे। कोरोना काल में वैसे ही मजदूरी पर्याप्त नहीं मिल रही है। बिजली कंपनी तो गरीबों की जेब पर डांका डाल रही है।
परवान अली, निवास कस्बा

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