scriptतीन आरोप, दो मौके, फिर भी नहीं दिया जबाव, दिग्गज भाजपा नेत्री को गंवानी पड़ी कुर्सी | Three allegations, two chances, no response, BJP leader lost the chair | Patrika News

तीन आरोप, दो मौके, फिर भी नहीं दिया जबाव, दिग्गज भाजपा नेत्री को गंवानी पड़ी कुर्सी

locationसीहोरPublished: Aug 25, 2019 11:24:53 am

Submitted by:

Kuldeep Saraswat

नगर पालिका अध्यक्ष अमिता अरोरा पद से बर्खास्त, वित्तीय अनियमित्ताओं को लेकर नगरीय प्रशासन ने की कार्रवाई

तीन आरोप, दो मौके, फिर भी नहीं दिया जबाव, दिग्गज भाजपा नेत्री को गंवानी पड़ी कुर्सी

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सीहोर. नगर पालिका अध्यक्ष अमिता अरोरा को वित्तीय अनियमित्ताओं के लिए प्रथम दृष्टया दोषी करार देते हुए पद से पृथक कर दिया गया है। nagar palika president अमिता अरोरा के खिलाफ यह कार्रवाई एडीएम वीके चतुर्वेदी के नेतृत्व में गठित पांच सदस्यीय जांच कमेटी की रिपोर्ट पर की गई है। एडीएम की रिपोर्ट के बाद नगरीय प्रशासन ने नगर पालिका अध्यक्ष amita arora को अपना पक्ष रखने के लिए दो बार अवसर दिया गया, लेकिन उन्होंने अपना पक्ष नहीं रखा, जिसे लेकर शनिवार को नगरीय प्रशासन ने अमिता अरोरा को पद से पृथक करने के आदेश जारी किए हैं।

जानकारी के अनुसार नगरीय प्रशासन ने nagar palika की अनियमित्ताओं की जांच के बाद 26 जुलाई को नोटिस जारी कर नगर पालिका अध्यक्ष अमिता अरोरा को सात दिन में अपना पक्ष रखने के आदेश दिए गए थे। नगर पालिका अध्यक्ष ने अपना पक्ष नहीं रखा, जिसे लेकर 13 अगस्त को फिर से उन्हें समक्ष में उपस्थित होकर सुनवाई का अवसर दिया गया। इस दौरान उन्होंने अपने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए सुनवाई के लिए अगली तिथि निर्धारित करने का आग्रह किया। नगरीय प्रशासन द्वारा निर्धारित की गई सुनवाई की अगली तिथि 19 अगस्त को भी amita arora की तरफ से अपना पक्ष नहीं रखा गया। जिसे लेकर 24 अगस्त को नगरीय प्रशासन ने अमिता अरोरा को नगर पालिका सीहोर के अध्यक्ष पद से पृथक करने के आदेश दिए।

कैसे हुई नपाध्यक्ष पद से पृथक
आरोप : बाल विहार ग्राउंड में टीनशेड के निर्माण में भ्रष्टाचार।
जांच : नगर पालिका द्वारा बाल विहार ग्राउंड में विभागीय तौर पर परिषद के संकल्प क्रमांक 13 तिथि 20 अप्रैल 2016 के अनुसार पांच लाख 40 हजार रुपए सामग्री क्रय कर की गई। मध्यप्रदेश नगर पालिका (पीआईसी) नियम 1998 में पूर्व में स्वीकृत दरों पर कार्य करने का कोई प्रावधान नहीं है। टीनशेड का निर्माण बिना निविदा आमंत्रित किए कराया गया। इसमें pic के नियम 1998 के नियम 5 (5), (6), (7) का उल्लंघन किया गया। इस कार्य के लिए कोई स्वीकृति नहीं ली गई थी।


आरोप : नगर पालिका द्वारा बाल पेटिंग कार्य के लिए दो लाख रुपए के बजाए साढ़े सात लाख रुपए का भुगतान कर भ्रष्टाचार किया गया।
जांच: नगर पालिका द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत दो लाख रुपए की ईनिविदा क्रमांक 68764 तिथि 22 सितंबर 2018 को जारी की गई, जिसकी प्रशासकीय व वित्तीय स्वीकृति प्राप्त नहीं की गई। जांच में सामने आया कि दो लाख की निविदा के विरुद्ध 10 लाख 74 हजार 695 रुपए का कार्य कराया गया, जिसमें से 7 लाख 40 हजार 645 रुपए का भुगतान कर दिया गया। उपरोक्त कार्य की स्वीकृति प्राप्त किए बिना भुगतान करना मध्यप्रदेश नगर पालिका लेखा नियम 1971 की धारा 131 के प्रावधानों का उल्लंघन है।


आरोप: उच्च न्यायालय में दायर अवमानना के पालन में कलेक्टर द्वारा छह महीने में सीटू नाले के किनारे बने 328 मकानों को हटाए जाने के निर्देश दिए गए थे। नगर पालिका परिषद की बैठक में 27 फरवरी 2018 के प्रस्ताव क्रमांक 08 द्वारा नाले की खुदाई के लिए जेसीबी, पोकलेन, डंपर किराए पर लिए जाने की स्वीकृति दी गई। 24 फरवरी 2018 से 02 जुलाई 2018 तक स्वीकृत दरों पर तीन पोकलेन, पांच डंपर, एक जेसीबी को किराए पर लेकर दो करोड़ 85 लाख 98 हजार 400 रुपए का कार्य कराया गया, जिसमें से दो करोड़ 30 लाख 600 रुपए का भुगतान कर दिया गया है। जिसमें काफी अनियमित्ताएं हुई।
जांच: मध्यप्रदेश नगर पालिका लेखा नियम 1971 की धारा 131 (2) के अनुसार कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति आयुक्त नगरीय प्रशासन से लेना थी, लेकिन नहीं ली गई। कार्य की तकनीकी स्वीकृति मुख्य अभियंता से नहीं ली गई। उपरोक्त कार्य में गंभीर वित्तीय अनियमित्ताएं की गई।

अमिता अरोरा बोलीं- सरकार के आरोप मिथ्या
नगरीय प्रशासन से कार्रवाई होने के बाद BJP leader अमिता अरोरा ने कहा कि राज्य सरकार ने जो आरोप लगाए हैं वह मिथ्या हैं। कांग्रेस सत्ता का दुरूपयोग कर रही है। कांग्रेस lok sabha election के परिणाम से आहत है। एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से अरोरा ने बताया कि विकास और निर्माण कार्य विधि अनुसार किए गए हैं। यदि कोई अनियमितता हुई है तो उसकी जिम्मेदारी cmo और निर्माण कार्य देखने वाले कर्मचारियों की है।

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