scriptतीन साल बाद बदल जाएगी शहर की सूरत | Three years later, Indore, Bhopal and Sehore City will look like | Patrika News

तीन साल बाद बदल जाएगी शहर की सूरत

locationसीहोरPublished: Apr 13, 2016 11:43:00 pm

Submitted by:

Bharat pandey

अधूरे प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद  महानगरों की तरह दिखने लगेगा सीहोर, कई प्रस्ताव हो चुके हैं स्वीकृत, सौंदर्यीकरण, विकास और बुनियादी सुविधाओं से जुड़े आधा दर्जन से अधिक बड़े प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं।

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सीहोर। सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो तीन साल बाद सीहोर शहर किसी महानगर की तरह दिखने लगेगा। यहां के लोगों को सुविधाएं भी महानगर की तरह मिलेंगी। सीहोर के महानगर जैसा बनने और दिखने के लिए जरुरी है कि शहर के अधूरे और स्वीकृत प्रोजेक्ट का काम जल्द कराया जाए।

सीहोर के सौंदर्यकरण, विकास और बुनियादी सुविधाओं से जुड़े करीब आधा दर्जन से अधिक बड़े प्रोजेक्ट अधूरे पड़े हैं। कुछ प्रोजेक्ट को स्वीकृति के बाद बजट की दरकार है, कुछ प्रोजेक्ट ऐसे भी हैं जिनका भूमिपूजन होना शेष है। सड़क, स्वास्थ्य, टै्रफिक और सौंदर्यीकरण के सीहोर शहर में कई प्रोजेक्ट स्वीकृत हो चुके हैं।

विकास की दरकार
इंदौर-भोपाल स्टेट हाइवे पर दो महानगरों के बीच सबसे बड़ा शहर सीहोर है। सीहोर किसी समय राजधानी भोपाल का जिला हुआ करता था। सीहोर राजधानी के सबसे नजदीक होने से भोपाल का कल्चर सीहोर को प्रभावित करता है। सीहोर में राजस्व के पास एक ही जगह करीब साढ़े पांच हजार हेक्टेयर जमीन का रकबा है। प्रदेश के दूसरे किसी जिले में राजस्व के पास एक ही जगह इतनी जमीन नहीं है। शुगर फैक्ट्री की जमीन का विवाद खत्म होते ही यह जमीन औद्योगिक विकास में सहायक होगी।

विकास का दावा पर, गंभीर नहीं
शहर के विकास से जुड़े कई बड़े प्रोजेक्ट लंबे समय से अधर में लटके हैं। इनके पूरा नहीं होने से लोगों को सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। निर्माण कार्य अधर में लटके होने के मुख्य कारण निर्माण एजेंसियों की लापरवाही। निर्माण एजेंसी काम में मनमानी कर रही है और अफसर कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। ऐसे में जनप्रतिनिधियों का चुप्पी साधे रहना उनकी कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है। सीहोर में रेलवे ओवर ब्रिज, ट्रामा सेंटर और वृहद स्टेडियम का निर्माण लंबे समय से अधर में लटका है।
ये प्रोजेक्ट बदल देंगे शहर की तस्वीर

फोरलेन और टू-लेन सड़कों का निर्माण : सौया चौपाल से हाउसिंग बोर्ड कालोनी तक फोरलेन सड़क प्रस्तावित है। निर्माण 4746.33 लाख की लागत से होना है। डीपीआर स्वीकृत हो चुकी है। पीडब्ल्यूडी जल्द टेंडर प्रक्रिया पूरी करेगी। शहर को सैकड़ाखेड़ी बायपास से जोडऩे के लिए 760.44 लाख रुपए की लागत से फोरलेन सड़क का निर्माण किया जा रहा है। इस फोरलेन सड़क की लंबाई करीब दो किलोमीटर है। शुगर फैक्ट्री चौराहे से गणेश मंदिर तिराहे तक टूलेन सीसी रोड का निर्माण 475.41 लाख रुपए की लागत से प्रस्तावित है। सड़क पर डिवाईडर के साथ दोनों तरफ स्ट्रीट लाइट लगाई जाएगी।

पार्क : सौंदर्यीकरण को लेकर नगर पालिका द्वारा शहर के बीच एक करोड़ रुपए की लागत से पार्क डबलप किया जाना है। पार्क की घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने की थी। नपा पार्क के लिए प्लान तैयार कर रही है।

टै्रफिक को कंट्रोल : ब्रिज कोर्पोरेशन विभाग द्वारा 12 करोड़ की लागत से शहर के टै्रफिक को कंट्रोल और व्यवस्थित करने के लिए मंडी रेलवे क्रासिंग पर ओवर ब्रिज का निर्माण किया गया है। एक साल से ओवर ब्रिज का निर्माण कार्य अधर में लटका है। ओवर ब्रिज का निर्माण पूरा होते ही टै्रफिक व्यवस्था में बहुत सुधार होगा।

अमृत शहर प्लान : शहर के ड्रेनेज सिस्टम को ठीक करने नगर पालिका सीवेज प्लान बना चुकी है। स्वच्छ भारत मिशन के अमृत शहर प्लान में सीवेज के लिए 48 करोड़ रुपए स्वीकृत हो गए हैं। सीवजे का काम होने के बाद शहर का ड्रेनेज सिस्टम पूरी तरह ठीक हो जाएगा।

स्टेडियम का निर्माण : खेल एवं मनोरंजन के लिए चर्च मैदान में वृहद स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। 89.56 लाख रुपए की लागत से स्टेडियम का निर्माण होने के बाद खेल के क्षेत्र में काफी फायदा होगा। स्टेडियम का निर्माण ठेकेदार और पीआईयू की लापरवाही से अटका हुआ है।

सौंदर्यीकरण : सीवन उद्धार, बैम्बू पार्क के लिए नगरीय प्रशासन से नपा को साढ़े 35 करोड़ रुपए की स्वीकृति मिल चुकी है। नगर पालिका ने डीपीआर तैयार कर शासन को भेज चुकी है।

मरीजों को सुविधा : जिला अस्पताल में मरीजों को सुविधा देने के लिए ट्रामा सेंटर, मेटरनिटी विंग, लैब आदि का भवन तैयार कराया जा रहा है। भवन निर्माण लगभग पूरा हो चुका है।
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