पेड़ों पर चढ़कर किसानों ने बजाई थालियां
सीहोर जिले के खामलिया गांव में खरीफ फसल सोयाबीन के पीला मोजेक और अतिवृष्टि से बर्बाद होने पर किसानों ने अनोखे ढंग से प्रदर्शन किया। गांव में किसानों ने जिस तरह से प्रदर्शन किया और अपना विरोध जताया वैसा पहले कभी नहीं हुआ होगा। सर्वे की मांग करते हुए गांव के किसान सड़क के किनारे कतार बनाकर खड़े हुए थे। पेड़ों पर चढ़े हुए थे और अपने हाथों में थाली और सोयाबीन की सड़ी हुई फसल के पौधे लिए हुए थे। किसानों ने थालियां बजाकर अपना विरोध जताया और मांग की सरकार जल्द से जल्द बर्बाद हो चुकी सोयाबीन की फसल का सर्वे कराकर किसानों को मुआवजा राशि देकर राहत दे।
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प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बताया कि कई गांव के किसान तहसील और कलेक्ट्रेट का घेराव कर ज्ञापन दे चुके हैं लेकिन सरकार किसानों की समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रही है। बहरी सरकार को जगाने के लिए अब उन्होंने थालियां बजाकर सरकार को जगाने का प्रयास किया है। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले चंदेरी के किसान पर्वत सिंह मेवाड़ा ने कहा कि जिले के आला-अफसर किसानों की सुनवाई नहीं कर रहे हैं। फसल 100 प्रतिशत बर्बाद हो गई है, लेकिन अभी तक सर्वे शुरू नहीं किया गया है और कुंभकर्णीय नींद में प्रशासन सो रहा है जिसे जगाने के लिए हमने थालियां बजाकर और पेड़ों पर चढ़कर प्रदर्शन किया है। विरोध प्रदर्शन में सरपंच पति पूर्व मनोहर सिंह मेवाड़ा,उप सरपंच बाबूलाल,पटेल नारायण सिंह आदि मौजूद थे। बता दें कि मध्यप्रदेश के कई जिलों में सोयाबीन की फसल बोई जाती है और इस बार पीला मोजक और पहले बारिश न होने फिर बाद में ज्यादा बारिश होने के कारण सोयाबीन की फसल बर्बाद हो चुकी है। जिसे लेकर किसान लगातार प्रशासन से सर्वे की मांग कर मुआवजे की मांग कर रहे हैं।