पुल, पुलियों और रपटों से गुजरते लोग की लापरवाही उनकी जिंदगी पर भारी पड़ रही है। ऐसा मामला सीहोर के नजदीक घटा जिसमें तहसीलदार नरेन्द्र ठाकुर और महेन्द्र रजक हादसे के शिकार हो गए। रात का खाना काने के बाद दोनों कार से बरसते पानी में घूमने निकले तो रपटे पर पानी के बहाव के चलते गाड़ी फिसल कर पानी में बह गई। घटना 15 अगस्त की रात की है, घटना के बाद पटवारी महेन्द्र के शव और कार तो मिल गई पर तहसीलदार नरेन्द्र ठाकुर का अब तक पता नहीं चल सका।
आखिरकार प्रशासन ने तहसीलदार को ढूंढने के लिए एनडीआरएफ की टीम को जिम्मेदारी सौंपी है। यह टीम वाराणसी से आई है। टीम सीहोर की सीवन नदी के कर्बला पुल के हादसे से स्थान से कार सहित बहे तहसीलदार नरेंद्र ठाकुर का पता करेगी। दो दिन बाद कार और पटवारी महेन्द्र रजक का शव तो मिल गया लेकिन दूर दूर तक तलाश करने के बाद भी तहसीलदार का पता नहीं चल सका है।
अब उत्तर प्रदेश के वाराणसी कैम्प की एनडीआरएफ इकाई के 23 सदस्य अत्याधुनिक साधनों से तहसीलदार की तलाश कर रहे हैं। रेस्क्यू दल के कमांडेंट कुलदीप स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ, ग्रामीण और नागरिक से पूछताछ कर तलाशी अभियान चला रहे हैं।
तहसीलदार के गायब होने की खबर से जिले में हड़कंप मच गया और पुलिस – प्रसासन ने उनको खोजने के लिए तलाशी शुरू की थी। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले और उसी लोकेशन के आधार पर तलाश की। लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। अब NDRF का रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है।