सीहोर,आष्टा में ही गली, मोहल्लों में पानी से भरे हुए टैंकर दौड़ते हुए आसानी से देखे जा सकते हैं। एक टैंकर पानी के मनमाने वसूले जा रहे हैं। रहवासियों का कहना है कि मई महीने में जमीन का वाटर लेवल डाउन होने से हैंडपंप, ट्यूबवेल का पानी बहुत नीचे चला गया है। इससे कई ने जवाब दे दिया है, वही कई रुक-रुककर पानी दे रहे हैं। ऐसी स्थिति में टैंकर का पानी खरीदकर काम चलाना पड़ता है। आष्टा विकासखंड के जावर शहर में भी पानी की समस्या देखी जा सकती है। यहां नलों में कई बार नियमित और पर्याप्त पानी नहीं आने से लोग परेशान हैं। इससे पंद्राह हजार आबादी दिक्कत भोग रही है। रहवासियों ने बताया कि इस समस्या से बारिश आने तक सामना करना पड़ेगा।
ले सकते हैं सबक
इस समय चल रही पानी की समस्या अगले महीने बारिश का मौसम शुरू होते ही समाप्त हो जाएगी, लेकिन लोग इससे सबक ले सकते हैं। बारिश के पानी को स्टोर करने के लिए अब उपाय करने जरूरी हो गए हैं। इसके लिए घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना होगा, जिससे कि बारिश का पानी पाइप के जरिए जमीन में उतारा जा सकें। वही अन्य इंतजाम भी करने होंगे, जिससे कि अगले साल इस तरह की स्थिति दोबारा निर्मित नहीं हो। हालांकि अभी की स्थिति में पूरे जिले में देखा जाए तो नाममात्र घरों में ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा हुआ है। इसे लगाने अब लोगों को आगे आना होगा।