बरखेड़ी सहित क्षेत्र के दो दर्जन गांवों में इन दिनों भीषण जल संकट की स्थिति निर्मित हो गई है। तीन हजार की आबादी वाले गांव बमूलिया के रहवासी तो पीएचई विभाग लापरवाही और ठेकेदार की मनमानी का खामियाजा भुगत रहे हैं। नल-जल योजना के तहत पेयजल टंकी का निर्माण शुरू तो हुआ, लेकिन कुछ समय बाद ही ठेकेदार ने काम बंद कर दिया। ऐसे में ग्रामीणों को नल-जल योजना का लाभ नहीं मिलने से दो-दो दूर से ग्रामीणों को पानी की व्यवस्था करना पड़ रही है।
इसी प्रकार क्षेत्र के टिटोरा, बिजलोन, इमलीखेड़ा, सागौनी, शिकारपुर, धामनखेड़ा, बमूलिया, बडऩगर, खूटियाखेड़ी, रलावती गांवों में जल संकट ने काफी विकराल रूप धारण कर लिया है। इस संबंध में ग्रामीण भोलाराम त्यागी, चंदर धनगर, महेन्द्र धनगर, बीरवल धनगर, राधेश्याम वर्मा, भोपाल सिंह परमार ने बताया कि भीषण गर्मी के चलते जल स्तर नीचे जाने से गांवों में लगी अधिकतर ंहैंडपंप दम तोड़ चुके हैं। ऐसे में ग्रामीणों को दो-दो किमीटर दूर स्थित खेतों से पानी की व्यवस्था करना पड़ रही है। ग्रामीण बैलगाड़ी, मोटर साइकिल, ट्रैक्टर-ट्राली से पानी ला रहे हैं। जिनके पास संसाधन नहीं है वही पानी खरीदने को मजबूर हैं।
ग्राम शिकारपुर में 2 हजार 600 की आबादी के लिए पांच हैंडपंप हैं वह भी बंद हैं। बडनग़र और भीलपुरा में 22 हैंपपंप में से 21 बंद है। धामनखेड़ा 1 हजार 800 लोगों की प्यास बुझाने के लिए 13 हैंडपंप हैं जिनमें से एक भी चालू नही है। इसी प्रकार ईमलीखेड़ा और सागौनी की आबादी 2 हजार 250 है जिनकी प्यास बुझाने के लिए 14 हैंडपंप हैं जिनमों से मात्र एक चालू हैं। ऐसे में ग्रामीणों को पेयजल की व्यवस्था करने के लिए एक से दो किमी दूर खेतों से पानी लाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
500 से 600 रुपए टैंकर बिक रहा पानी
दोराहा क्षेत्र में जल संकट का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि जो हैंडपंप कभी हिचकी भी नहीं लेते थे वह इस वर्ष जल स्तर नीचे जाने से मई माह में ही सूख चुके हैं। ऐसे में ग्रामीणों को 500 से 600 रुपए टैंकर पानी खरीदना पड़ रहा है। जिनके पास स्टोर करने की व्यवस्था नहीं है।
वह 5 से 8 रुपए कुप्पा पानी खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इन दिनों क्षेत्र के दोराहा, पुलिस कालोनी, दोराहा जोड़, सिंकरगंज, चौकी पट, झरखेड़ा में पेयजल संकट ने विकराल रूप धारण कर रखा है। ग्रामीण पेयजल की व्यवस्था के लिए रतजगा तक करने तक को मजबूर हैं।
गांव में खराब पड़े हैंडपंपों को सुधरवाने और बोर उत्खनन कराने लिए पीएचई विभाग को अवगत करा दिया गया है। पंचाायत स्तर पर पेयजल उपलब्ध कराने के प्रयास जारी हैं।
सुमन वर्मा, सरपंच, ग्राम पंचायत शिकारपुर