पिछले सालों में कोई बड़ा उद्योग नहीं खुला, अलवत्ता शहर को पहचान दिलाने वाली शुगर मिल भी पिछले एक दशक से बंद पड़ी है। अन्य अनेक उद्योगों में भी ताले डल गए हैं। शहर में उद्योग खोलकर बेरोजगारी की समस्या को दूर कर रोजगार उपलब्ध कराया जाए। जिससे शहर आर्थिक रूप से पिछड़ेपन से बाहर निकले।
जिला अस्पताल में बड़ा ट्रामा सेंटर बना दिया है। इसमें नगर के साथ जिले के मरीज आते हैं। अभी अस्पताल में मरीजों की कतार लग रही है। मोहल्ला के हिसाब से स्वास्थ्य सेवा होना चाहिए।
चिकित्सकों की उपस्थिति की मॉनिटरिंग हो। ऐप विकसित हो, क्षेत्र के लोगों को जोड़ा जाए जिससे चिकित्सक के आने की सूचना मिल जाए। डॉक्टरों की समयबद्धता बढ़ेगी।
रोजगार स्थापित करने बिना परेशानी के बेरोजगारों को ऋण उपलब्ध कराया जाए। इस समय बेरोजगार बैंकों के चक्कर काट रहे हैं। इसके बाद भी उन्हें ऋण लेने में परेशानी हो रही है।
सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की मनमानी से स्कूल उन्हीं के हिसाब से खुलते और बंद होते हैं। सबसे बेकार स्थिति ग्रामीण क्षेत्रों मेें है। शिक्षा व्यवस्था सुधार हो, जिससे विद्यार्थियों का भविष्य सुधर सके।
रेलवे स्टेशन का विकास हो, सभी ट्रेनों का स्टापेज हो। इसी तरह बस स्टैंड की दुर्दशा सुधरे, लंबी दूरी की बसों का भी स्टापेज हो। जिससे लोगों को सुविधाओं का विस्तार हो सके।
बढ़ते अपराधों को रोकने कानून व्यवस्था को बेहतर किया जाए। कानून के उल्लंघन करने वालों को शीघ्र और सख्त सजा का प्रावधान हो। सुधार की दिशा में कदम उठाएं जाएं।
सड़क, ड्रेनेज, सीवर निर्माण आदि विकास कार्यों का वार्डवार रोड मैप बने। वार्ड दफ्तर में इसे चस्पा किया जाए कि कौनसी कॉलोनी में क्या जरूरत है। विकास कार्यों की संभावित तिथि अंकित किया जाए।
सड़कों पर अतिक्रमण-अवैध निर्माणों से निजात दिलाने के लिए नेताओं की दखअंदाजी बंद करने का योजना तैयार हो। जनता की शिकायत इलाके की विकास समिति के पास हो।