पुराने भोपाल इंदौर हाइवे स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के पास रेलवे क्रासिंग हैं।यहां पर ट्रेन आने से पूर्व ही गेटबंद कर दिया जाता है।इसके बाद दोनों तरफ वाहनों की लंबी कतार लग जाती है।कई बार तो आधे घंटे तक लोगों को इसके खुलने का इंतजार करना पड़ता है।इस समस्या का सामना करते हुए उनको कई साल हो गए हैं।इस समस्या को लेकर कई बार लोगों ने रेलवे से लेकर अन्य आला अफसरों को अवगत कराया।रेलवे और ब्रिज कार्पोरेशन ने इसे दूर करने प्लानिंग तैयार की थी।इसमें ओवरब्रिज बनाना ही हल निकाला था।इसके बाद इस जगह पर पहुंचकर कुछ समय पहले निरीक्षण भी किया था।इसमें सभी जांच की गई थी।
वर्तमान में हाउसिंग बोर्ड क्रासिंग के पास सुबह से रात तक जब भी ट्रेन आती है गेट बंद कर दिया जाता है। इससे आवाजाही प्रभावित होती है। कई बार वाहनों की संख्या ज्यादा होने से लंबें जाम में बदल जाती है।उन लोगों को ज्यादा तकलीफ होती जिनको महत्वपूर्ण काम से जाना रहता है। हजारों लोग इसी समस्या से भुगतते हैं।भोपाल, सीहोर, फंदा सहित दर्जनों गांव के लोगों के लिए भी यही एकमात्र मार्ग है। जिस पर सफर कर मंजिल तक पहुंचते हैं।
मशीनों से जमीन में जांच रहे मिट्टी का लेवल ब्रिज बनने वाले स्थान पर मशीनों से मिट्टी को खोदा जा रहा है। इसमें पता किया जाएगा कि जमीन के अंदर मिट्टी का लेवल कहां तक और काला पत्थर कितने फीट नीचे है। इस काम को करने करीब आधा दर्जन कर्मचारी लगाए हैं। दोनों तरफ यह काम होगा। इसके पूरा होने के बाद ब्रिज कॉर्पोरेशन जीएडी (जनरल अरेजमेंट ड्राइंग) तैयार करेगा।
इसमें ब्रिज में लगने वाली राशि का बजट बनाकर स्टीमेट बनाया जाएगा। इसे उच्च अधिकारियों के पास भेजा जाएगा। उनकी तरफ से ओके होने के बाद कार्य की आगे की रणनीति तैयार होगी। हालांकि अभी ब्रिज की राशि कितनी होगी और कितने पिलर खड़े होंगे इसकी जानकारी सामने नहीं आ सकी है। रेलवे और ब्रिज कॉरर्पोरेशन मिलकर अपने दायरे के हिसाब से इसे बनाएगा।
टेस्टिंग करा रहे हैं ओवरब्रिज बनाने के लिए अभी मिट्टी परीक्षण कर रहे हैं।यह काम पूरा होने के बाद स्टीमेट रिपोर्ट बनाकर उच्च अधिकारियों के पास भेजी जाएगी।वहां से ओके होने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
राजेश कुमार गुप्ता, इंजीनियर ब्रिज कॉर्पोरेशन