यह बात भंवरा के इलाही माता मंदिर में हुए विवाह सम्मेलन में सुनने को मिली। यहां सिद्धेश्वर धाम समिति के नेतृत्व में हर साल की तरह इस बार भी विवाह सम्मेलन हुआ। जिसमें हिन्दू रीति रिवाज के तहत १३ वर-वधु का विवाह कराया गया। विवाह के दौरान वर-वधु ने पर्यावरण बचाने का संकल्प लिया। समिति ने कन्याओं को भेंट स्वरूप 13 बर्तन और उपहार में आम के पौधे दिए। इन पौधे को लगाने के बाद देखरेख करने की बात कहीं।
अतिथियों ने दिया आर्शीवाद
समिति ने बताया कि १५ साल से इस तरह से ही विवाह सम्मेलन कराया जा रहा है। सम्मेलन में पंडित दुर्गाप्रसाद कटारे और पंडित मोहित राम पाठक ने किस प्रकार दांपत्य जीवन की शुरुआत होती है उसके बारे में बताया। वहीं कहा कि वर वधु को ससुराल पक्ष में सास ससुर, गुरु की सेवा करना चाहिए। सम्मेलन में पहुंचे अतिथियों ने नव दपंत्ति को आर्शीवाद प्रदान कर उनके सुखी जीवन की कामना की। इस दौरान भंडारे का भी आयोजन हुआ, जिसमें लोगों ने पहुंचकर प्रसादी ग्रहण की। इस अवसर पर अखिलेश परमार सहित अन्य लोग उपस्थित थे।