एक महिला आरक्षक ने कहा कि थाना प्रभारी उससे कहते हैं, तुम्हारी आंखें, स्माइल बहुत अच्छी है, मुझे सर (बोस) नहीं, दोस्त कहा करो। हैरत की बात ये है कि शिकायत के बाद भी दोनों महिला आरक्षकों को न्याय के नाम पर अन्य थानों में तबादला कर दिया गया, लेकिन दोषी पुलिसकर्मी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इन दिनों थानों, स्कूल, कॉलेज व अनेक संस्थानों और आमजन के बीच पहुंचकर सीधा संवाद कर उन्हें महिला सुरक्षा, महिला सम्मान, स्वरक्षा, कानूनी प्रावधान, विधिक सहायता, गुड टच बेड टच का पाठ पढ़ा रहे हैं। पुलिस कह रही है कि अन्याय के खिलाफ आवाज उठाएं, पुलिस आपके साथ है और आपके लिए ही काम करती है। यह तो सिर्फ संवाद की बात है। संवाद, चर्चा, परिचर्चा और कार्यशाला के उलट पुलिस विभाग में महिला आरक्षकों की स्थिति दयनीय है और उनका काम करना दुश्वार है।
भद्दे कमेंटस, गलत भाषा का प्रयोग करना हो गया था आम
तुम्हारी आंखें, स्माइल बहुत अच्छी है। आंखों में आंखें डालकर बात करने को कहते हैं। इसके साथ ही कहा जाता है जब तक मैं हूं ऐश से रहो। मैं तुम्हारा सर नहीं हूं, तुम्हारा दोस्त हूं। सबके सामने सर एवं अकेले में दोस्त बोला कर आदि आरोप महिला आरक्षक ने अहमदपुर थाने के प्रभारी बीडी सिंह पर लगाए हैं।
उन्होंने इसके संबंध में सितंबर, अक्टूबर को महिला आयोग में भी शिकायत की थी कि उनके साथ भद्दे कमेंटस, गलत भाषा का प्रयोग आम हो गया था। बिना गलती के डांटना एवं मानसिक रूप से प्रताडि़त करना थाना प्रभारी की नियति में शामिल था। विरोध करले के बाद भी कुछ नहीं हुआ तो वरिष्ठ अधिकारी को शिकायत दर्ज कराई गई, तब उनके खिलाफ गलत अफवाह फैलाई जाने लगी, लेकिन थाना प्रभारी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। महिला आरक्षक ने कहा कि मामले में थाना प्रभारी के थाने में ही पदस्थ होने से स्टाफ निष्पक्ष बयान नहीं दे पा रहे हैं एवं वरिष्ठ अधिकारी द्वारा निष्पक्ष जांच नहीं की जा रही है।
आरक्षकों की प्रताडऩा से तंग आकर पी लिया था कीटनाशक
थाना कोतवाली में पदस्थ एक महिला आरक्षक ने दो आरक्षकों की छेड़छाड़ और मानसिक प्रताडऩा से तंग आकर पिछले दिनों कीटनाशक पीकर आत्महत्या का प्रयास किया था, लेकिन समय रहते उसे बचा लिया गया। बाद में महिला आरक्षक ने रक्षित केन्द्र सीहोर में पदस्थ आरक्षक अर्जुन वर्मा और थाना कोतवाली में पदस्थ पंकज यादव के खिलाफ लिखित आवेदन एसपी को 16 जनवरी को देते हुए गंभीर आरोप लगाए थे।
महिला आरक्षक का कहना था कि आरक्षक पंकज यादव और अर्जुन वर्मा बीते कई महीनों से उसके साथ छेड़छाड़ कर मानसिक रूप से प्रताडि़त किया जा रहा है। यह दोनों आरक्षक थाने में उसके साथ अपशब्दों का प्रयोग करते हैं और भद्दे कमेंट्स करते हैं। उसके चरित्र को लेकर वह विभाग में गलत बाते फैलाते हैं। शिकायत के बाद पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने पूरे मामले की जांच डीएसपी एजेके जोयेस दास को सौंपी थी और तीन दिन में जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था।
इनका कहना है
महिलाओं के साथ यौन उत्पीडऩ रोकने के लिए पुलिस विभाग में महिला सेल गठित है। इसकी प्रभारी डीएसपी ज्योइस दास है। महिला आरक्षकों की शिकायत में डीएसपी जांच कर रही हैं। जांच अनुसार दोषियों पर कार्रवाई होगी।
सिद्धार्थ बहुगुणा, एसपी सीहोर