सेंधवा

निजी अस्पताल ने बिल नहीं भरने पर 10 दिन के बच्चे का शव अपने कब्जे में लिया

मासूम को हजारों रुपए की दवाइयां देने का बिल थमाया, 17 घंटे बाद बच्चे के शव को माता-पिता को सौंपा

सेंधवाSep 30, 2019 / 10:27 am

vishal yadav

Arbitrary in private hospital

बड़वानी/सेंधवा. नगर के निजी अस्पताल में नवजात की इलाज के दौरान मौत हो गई। अस्पताल प्रशासन में बच्चे के माता-पिता और अन्य परिजनों से हजारों रुपए मांगने के बाद पैसा नहीं देने पर नवजात बच्चे का शव अपने कब्जे में ले लिया। जनप्रतिनिधियों और मीडिया के आने के बाद अस्पताल प्रशासन ने परिजनों को बच्चे का शव सौंपा।
रविवार को बाबदढ़ निवासी गोलू राजू मालवे ने बताया कि मेरी पत्नी पिंकी को डिलीवरी के लिए 14 दिन पहले अस्पताल में भर्ती कराया था। डिलीवरी के बाद चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे को अभी 15 दिनों तक अस्पताल में ही भर्ती करना पड़ेगा। इस दौरान हमने अस्पताल को 30 हजार रुपए का भुगतान कर दिया था, जो कि मेरी पत्नी की डिलीवरी के बिल की राशि थी। अस्पताल में 10 दिन के बच्चे की इलाज के दौरान मौत हो गई। नवजात के माता-पिता और दादा को अस्पताल प्रशासन ने 62 हजार रुपए का बिल थमा दिया और कहा कि जब तक भुगतान नहीं किया जाएगा। बच्चे का शव आपको नहीं देंगे।

इलाज के दौरान पहले 30 हजार रुपए जमा करा दिए थे
बच्चे के दादा राजू ने बताया कि चिकित्सकों द्वारा पिछले कई दिनों में इलाज के नाम पर हमसे हजारों रुपए की दवाइयां मंगवाई, लेकिन बच्चे की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। रविवार रात 3 बजे बच्चे की मौत हो गई। राजू ने बताया कि हमने बच्चे के इलाज के दौरान पहले 30 हजार रुपए जमा करा दिए थे। रविवार को चिकित्सकों द्वारा हजारों रुपए का बिल थमाते हुए पैसा जमा करने के निर्देश दिए। इसके बाद जनप्रतिनिधियों और मीडिया को मृत बच्चे के परिजनों ने पूरा मामला बताया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन बच्चे के शव को लौटाने के लिए राजी हुआ। बच्चे की मौत के 17 घंटे बाद बच्चे के शव को माता-पिता को सौंपा गया।
परिजनों ने की एसडीएम से फोन पर चर्चा
जब अस्पताल प्रबंधन मृत बच्चे के परिजनों को बच्चा लौटाने के लिए राजी नहीं हुआ तो उन्होंने सेंधवा एसडीएम अंशु जावला को फोन कर पूरा मामला बताया। जावला ने परिजनों को कहा कि आप प्रबंधन से बात करें। परिजनों ने बताया कि एसडीएम ने हमें अस्पताल का बिल भरने का सुझाव दिया। अधिकारी ने ये भी कहा कि यदि बच्चे का शव अस्पताल प्रबंधन ना दें तो मामला उनकी जानकारी में जरुर दें। हालांकि शाम को बच्चे का शव लौटाने के बाद पूरा मामला खत्म हो गया।
वर्जन..
नवजात बच्चे की मौत के बाद अस्पताल प्रबंधन द्वारा शव न देने का मामला सामने आया था। मैंने परिजनों से अस्पताल प्रबंधन से चर्चा करने की बात कही थी। इसके बाद फिर से मुझे जानकारी से अवगत कराने को कहा था। हालांकि परिजनों का बाद में कोई फोन नहीं आया।
-अंशु जावला, एसडीएमए सेंधवा

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