जनपद मुख्यालय से 55 किमी दूरी पर स्थित देवली गांव के पास महाराष्ट्र में स्थित देवगढ़ मरी माता मेले का आयोजन किया जा रहा है। इस मेले में मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र से हजारों की संख्या में लोग आ रहे है। खासकर आदिवासी समाज के लोग भी मेले में शामिल होते है और माता के दर्शन करते है। देवली में चल रहा मेला पिछले कई वर्षों से आयोजित हो रहा है। मप्र के खरगोन, बड़वानी, धार सहित महाराष्ट्र के चोपड़ा, जलगांव आदि क्षेत्रों से भी लोग पूजा-अर्चना करने के लिए आते है।
मरी माता के मंदिर में अनोखी मान्यता है. बताया जाता है कि किसी भी प्रकार की कोई भी मन्नत लेने से 1 साल के अंदर पूरी हो जाती है। यही कारण है कि हजारों की संख्या में ऐसे लोग आते हैं जोकि मानते हैं कि माताजी ने उनकी इच्छा पूरी कर दी है. मन्नत पूरी होने के बाद वे माताजी नारियल चढ़ाते हैं। खास बात है कि क्षेत्र के आदिवासी भील समाज सहित समाज के लोग मेले में पूजा करने और माता के दर्शन करने के लिए जरूर उपस्थित होते है। मान्यता यह भी है कि माता को पीठ दिखा कर नहीं जाना चाहिए।