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व्यापारियों ने किया ऑनलाइन शॉपिंग का विरोध

locationसेंधवाPublished: Oct 18, 2019 08:53:43 pm

Submitted by:

vishal yadav

काले कपड़े पहन और हाथों में काले झंडे लेकर सड़कों पर उतरे व्यापारी, रैली निकाल राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन

Traders opposed online shopping

Traders opposed online shopping

बड़वानी/सेंधवा. ऑनलाइन शॉपिंग के विरोध में नगर के व्यापारियों ने जमकर प्रदर्शन किया। राष्ट्रपति सहित प्रधानमंत्री सहित सीएम के नाम ज्ञापन सौंपा। व्यापारियों ने ऑनलाइन शॉपिंग पर सरकार से नियंत्रण की मांग भी की। इससे व्यापारियों को हो रहे नुकसान को कम करने मांग की गई है। दीपावली के पहले ऑनलाइन शॉपिंग ने स्थानीय व्यापारियों की चिंता को कई गुना बढ़ा दिया है।
ऑनलाइन शॉपिंग के विरोध में शुक्रवार को नगर के व्यापारी काले कपड़े पहनकर और हाथों में काले झंडे लेकर सड़कों पर उतरे। ऑनलाइन शॉपिंग से हो नुकसान को देखते हुए इसे नियंत्रण करने की मांग की गई। व्यापारी भवानी चौक पर एकत्रित हुए। यहां पर उन्होंने हाथों में बैनर पोस्टर और काले झंडे लेकर रैली शुरू की। रैली मुख्य मार्गों से होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंची। जहां उन्होंने राष्ट्रपति प्रधानमंत्री सहित प्रदेश के सीएम कमलनाथ के नाम ज्ञापन सौंपकर ऑनलाइन व्यापार पर नियंत्रण रखने की अपील की।
व्यापार को हो रहा लाखों का नुकसान
रैली में शामिल व्यापारियों ने बताया कि ऑनलाइन व्यापार से हर व्यापार को नुकसान हो रहा है। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार टैक्स लगाए जा रहे है, लेकिन हमारा टर्नओवर गिरता जा रहा है, जिसका मुख्य कारण ऑनलाइन शॉपिंग का होना है। व्यापारियों ने बताया कि मोबाइल से लेकर कपड़ा व्यवसाय तक ऑनलाइन शॉपिंग से लाखों का नुकसान झेल रहा है। इसी तरह हार्डवेयर सहित मेडिकल व्यवसाय भी प्रभावित हुआ है।
नगर से दीपावली की रौनक हुई गायब
ऑनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण नगर सहित छोटे कस्बों से खरीदारों की चहल-पहल करीब खत्म सी हो गई है। अधिकतर लोग ऑनलाइन शॉपिंग को तवज्जो दे रहे है। इससे व्यापारियों को आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है। ऑनलाइन शॉपिंग पर मिलने वाला डिस्काउंट भ्रमित करने वाला है। वहीं ठगी के शिकार होने की संभावना भी रहती है। दीपावली को अभी एक सप्ताह शेष बचा है। ऐसे में ग्राहकों की दुकानों से दूरी चिंता का विषय है। नगर की जनसंख्या 60,000 से अधिक है। वहीं विभिन्न व्यवसायों से संबंधित दुकानदारों की संख्या सैकड़ों में है, लेकिन हर दुकानदार आर्थिक मंदी सहित टर्नओवर की कमी से जूझ रहा है। सबसे ज्यादा असर मोबाइल, कपड़ा, फुटवीयर, फर्नीचर और इलेक्ट्रॉनिक सामानों के व्यवसायियों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। त्योहारों के सीजन में ग्राहकों के लिए कितना स्टॉक कर रखें यह तय नहीं हो पा रहा है।
बेरोजगार हो रहे लोग
देश सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर की कई कंपनियां भी ऑनलाइन व्यापार करने वाली कंपनियों को तवज्जो दे रही है। ऐसे में रिटेलर को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। देश के हजारों रिटेल काउंटर बंद होने की कगार पर है। वहीं कई युवाओं को नौकरी से निकाला जा चुका है। इससे बेरोजगारी तो बढ़ ही रही है। वहीं व्यापार भी चौपट होने की कगार पर पहुंच गया है। यदि यही स्थिति रही तो वह दिन दूर नहीं जब रिटेल काउंटर पर ग्राहकों का आना बंद हो जाएगा। कई कंपनियां गाने प्रचार कर के हाथों को ठगने का काम कर रही है। पिछले 1-2 वर्षों में कई बड़े व्यापारियों ने अपने यहां स्टाफ कम कर दिया है। वर्तमान में दुकानदारों को बिक्री कम होने से कई खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है। सबसे ज्यादा परेशानी व्यापारियों की हो रही है, जिन की दुकानें किराए से ली हुई है, उन्हें अपने लाभ हमें किराए सहित अन्य खर्चों को निकालना पड़ता है। ऐसे में उन्हें ज्यादा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
रिटेल काउंटर पर प्रभावित हुई सेलिंग
मोबाइल दुकान संचालक पवन अग्रवाल ने बताया कि मोबाइल बिक्री ऑनलाइन होने से रिटेल काउंटर पर सेलिंग प्रभावित हुई है। ऑनलाइन कंपनियां मोबाइल में जो डिस्काउंट देती है, वह रिटेलर कभी भी नहीं दे सकता। इसलिए ऑनलाइन पर बिक्री बढ़ रही है। हालांकि ऑनलाइन खरीदी के बाद ग्राहकों को सर्विस उस तरह से नहीं मिल पाती जिस तरह से रिटेलर दे सकते हैं। वर्तमान में ग्राहक पहले मोबाइल सहित अन्य एसेसरी का दाम देखता है। उसके बाद के रिटेल काउंटर पर मोलभाव करता है। कई बार ग्राहकों को बिना मुनाफे के बिक्री करना पड़ती है। कुछ महीनों में ऑनलाइन व्यापार में बढ़ोतरी के कारण रिटेलर को नुकसान हुआ है।
ऑनलाइन खरीदी और बिक्री को करें नियंत्रित
इलेक्ट्रॉनिक दुकान संचालक नितिन चौहान ने बताया कि ऑनलाइन शॉपिंग के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान की बिक्री बढऩे से रिटेल काउंटर पर ग्राहकों की कमी देखी जा रही है। कई बार शिकायत पर मिलती है कि जो आइटम ऑनलाइन बुलाए गए है, उनमें कुछ खराबी आती है। जिसे सुधारना या वापस करना आसान नहीं होता। सरकार को चाहिए कि ऑनलाइन खरीदी और बिक्री को इस तरह नियंत्रित किया जाए। इससे रिटेलर को नुकसान ना हो।
ऑनलाइन व्यापारी व्यापार को पहुंचा रहे नुकसान
मेडिकल दुकान संचालक परेश सेठिया ने बताया कि मेडिकल से जुड़ी दवाइयों और अन्य सामानों की बिक्री भी अब ऑनलाइन होने लगी है। इस कारण से कंपटीशन बढ़ गया है। ऑनलाइन शॉपिंग के कारण मेडिकल संचालकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। हमें लाखों रुपए इंवेस्ट करने पड़ते है, लेकिन ऑनलाइन व्यापारी हमारे व्यापार को नुकसान पहुंचा रहे।

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