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नवोदय की 80 सीट के लिए 10600 ने दी परीक्षा

locationसिवनीPublished: Apr 09, 2019 11:44:20 am

Submitted by:

sunil vanderwar

प्रदेश में सर्वाधिक परीक्षार्थी संख्या वाला जिला बना सिवनी

seoni

नवोदय की मात्र 80 सीट के लिए 10600 ने दी परीक्षा

सिवनी. जिले के एकमात्र नवोदय विद्यालय में कक्षा ६वीं की निर्धारित 80 सीटों पर प्रवेश के लिए 33 केन्द्रों पर परीक्षा ली गई। इस परीक्षा के लिए जिले से 12 हजार 900 बच्चों ने आवेदन किए थे, जिनमें से 10 हजार 600 ने परीक्षा दी। 2600 की अनुपस्थिति रही। इतनी बड़ी तादाद में शामिल हुए परीक्षार्थियों ने प्रदेश के बाकी जिलों को पीछे छोड़ दिया है। प्राचार्य एमएन राव ने बताया कि सिवनी जिले से सबसे अधिक परीक्षार्थी शामिल हुए। प्रदेश के बाकी जिलों का आंकड़ा इससे पीछे ही रहा है। जून महीने में परिणाम घोषित होंगे।
जिले में बेहतर शिक्षा के लिए सुविधाओंं की कितनी कमी है इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जिले के एकमात्र नवोदय विद्यालय की मात्र 80 सीटों के लिए करीब 13 हजार छात्रों ने परीक्षा दी। अभिभावकों का मानना है कि नवोदय विद्यालय जैसे स्कूलों की संख्या जिले में बढ़ाई जानी चाहिए, ताकि छात्रों को इसमें प्रवेश लेने में आसानी हो। जिले में बेहतर शिक्षा प्रदान करने वाले स्कूलों की कमी है। ऐसे में समझा जा सकता है कि बाकी सुविधाओं की स्थिति क्या होगी। यही वजह है कि बड़ी संख्या में छात्रों ने नवोदय की प्रवेश परीक्षा दी।
मिली जानकारी के अनुसार जवाहरलाल नवोदय विद्यालय कान्हीवाड़ा के अंतर्गत छटवीं कक्षा में प्रवेश के लिए आयोजित 33 सेंटरों में 12848 परीक्षार्थियों ने आवेदन किया था। सिवनी जिले के सभी आठ विकासखण्डों में यह परीक्षा आयोजित की गई। सिवनी में 2329, बरघाट में 1643, छपारा में 1102, लखनादौन में 2709, घंसौर में 1721, धनौरा में 1034, केवलारी में 1707, कुरई में 603 परीक्षार्थियों की संख्या दर्ज है।
जवाहर नवोदय विद्यालय अथवा नवोदय विद्यालय भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाई जाने वाली पूरी तरह से आवासीय, सह शिक्षा, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड नई दिल्ली से संबद्ध शिक्षण परियोजना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 1986 के अन्तर्गत ऐसे आवासीय विद्यालयों की कल्पना की गई, जिन्हें जवाहर नवोदय विद्यालय का नाम दिया गया। जो सर्वश्रेष्ठ प्रतिभाओं को आगे लाने का उत्तम प्रयास है। इस परियोजना का प्रमुख लक्ष्य गांव-गांव तक उत्तम शिक्षा पहुचाना है। ये विद्यालय पूर्णत: आवासीय एवं नि:शुल्क विद्यालय होते हैं जहां विद्यार्थियों को निशुल्क आवास, भोजन, शिक्षा एवं खेलकूद सामग्री उपलब्ध कराई जाती है। हर जिले में एक नवोदय विद्यालय होता है। इस परीक्षा में उत्तीर्ण होने वाले जवाहर नवोदय विद्यालय द्वारा बच्चों को प्रवेश दिया जाता है। साथ ही अध्यापन के दौरान रहने एवं भोजन की व्यवस्था शासन द्वारा की जाती है।
बढ़ाई जानी चाहिए सुविधाएं
जिले में शिक्षण सुविधाओं की स्थिति काफी खराब है। जिले के कई स्कूल ऐसे हैं जहां पर जर्जर इमारतों के साए में छात्रों को पढ़ाई करनी पड़ती है। पिछले कई सालों से इन स्कूलों की बेहाल इमारतों को डिस्मेंटल करने के लिए सिर्फ फाइलें चल रही हैं। इसके साथ ही जिले के कई स्कूलों में बिजली व्यवस्था नहीं है। ऐसे में आसानी से समझा जा सकता है कि बच्चें को नई तकनीक और कंप्यूटर आदि का ज्ञान कैसे दिया जा सकेगा। यही वजह है कि नवोदय की प्रवेश परीक्षा के लिए इतनी बड़ी संख्या में छात्रों ने हिस्सा लिया।
सीटें मुख्यालय से तय होती हैं –
नवोदय विद्यालय में 80 सीट के लिए 10600 ने परीक्षा दी है। परीक्षार्थियों का यह आंकड़ा प्रदेश में सर्वाधिक है। सीटों का निर्धारण पूरे देश के लिए विभागीय मुख्यालय से होता है। इस बार परिणाम पहले से जल्दी जून महीने में घोषित होंगे।
एमएन राव, प्राचार्य जवाहर नवोदय विद्यालय कान्हीवाड़ा
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