ग्राम पंचायत छपारा के तकिया वार्ड स्थित झंडा चौक से चमारी तिगड्डा तक करीब 52 लाख रुपए की लागत से निर्माण एजेंसी ग्राम पंचायत ने एक ठेकेदार से एक माह पूर्व सीसी सड़क बनवाया। सीसी सड़क बनने के चंद दिन बाद ही उस पर गड्ढा बनने लगा। इसकी शिकायत ग्रामीणों ने करनी शुरू कर दिया। 52 लाख से निर्मित करीब पांच सौ मीटर सड़क के गुणवत्ता की पोल न खुले इसको लेकर ग्राम पंचायत ने छुट्टी के दिन रातोरात उस सीसी सड़क पर डामरीकरण कर दिया।
उक्त सीसी सड़क को जब एक माह पूर्व बनाया गया था तो उसका डामरीकरण कैसे हो गया? क्या इसका प्रस्ताव बनाया गया? इसकी सूचना वरिष्ठ कार्यालय को दी गई या नहीं? अब यह सवाल खड़ा हो गया है। हालांकि प्रभारी सीइओ जनपद पंचायत ने इस मामले से अनभिज्ञता जताते हुए बिना सूचना उक्त सड़क का डामरीकरण किए जाने की बात कही है। बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत का वित्तीय प्रभार पीसीओ एवं सचिव के पास है। सीसी सड़क पर गड्ढे की शिकायत का मामला सामने आने पर आनन-फानन में संबंधित ठेकदार को भुगतान कर दिया गया है।
कांग्रेस के जिला सचिव अंसारी ने शिकायत में कहा है कि इस मामले में अधिकारियों और कर्मचारी की संलिप्ता की बात बताई जा रही है। 52 लाख की सड़क में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार किया गया है। इसमें शामिल सभी दोषियों के खिलाफ जांच कर उचित कार्रवाई की जाए। जांच में भ्रष्टाचार करने वालों पर दोष सिद्ध होने के बाद उनसे पैसे की वसूली की जाए। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच कराए जाने का आश्वासन दिया है।
बिना मुझे सूचना दिए कराया गया डामरीकरण
52 लाख रुपए की लागत से 500 मीटर सीसी सड़क का निर्माण मेरी देख-रेख में हुआ था। उसकी गुणवत्ता पर पूरा ध्यान दिया गया था। बिना मुझे सूचना दिए छुट्टी के दिन उस पर डामारीकरण करा दिया गया। निर्माण एजेंसी ने ऐसा क्यों किया? मुझे इसकी जानकारी नहीं हैं। इसकी जांच कराई जाएगी।
– बीडी चौधरी, प्रभारी सीइओ व एसडीओ जनपद पंचायत छपारा