सिवनी. कोई व्यक्ति जब पहली बार सड़क पर वाहन चलाता है तो उसे सड़क संबंधी अनेक बातों को
ध्यान रखना चाहिए। ड्रायविंग सीखने वाले व्यक्ति के लिए सबसे आम जरूरते हैं लायसेंस, ड्रायविंग स्कूल में पंजीकरण कराना, सड़क से परिचित होना, यातायात संबंधी परीक्षा देना, सड़क के रीति-नीति के बारे में जानना। इनमें से ड्रायविंग के बारे में एक बुनियादी बात सड़क या यातायात चिन्हों के बारे में व्यापक जानकारी प्राप्त करना है। जो व्यक्ति इन बातों का ध्यान नहीं रखते हुए वाहन चलाते है वह दुर्घटना का शिकार होते हैं। यह बात यातायात सप्ताह के समापन अवसर पर पुलिस अधीक्षक तरूण नायक ने कही।
उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि विभिन्न अपराधों की तुलना में दुपहिया एवं चौपहिया वाहनों के माध्यम से दुर्घटना अधिक होती है। तीन वर्ष के आंकड़े बताते है कि हम यातायात के प्रति कितने जागरूक है। 2015 में वाहन दुर्घटना में 743 लोग घायल हुए। इनमें 160 की मृत्यु हो गई। 2016 में 758 लोग वाहन दुर्घटना में घायल हो गए, जिनमें 200 लोगों की मौत हो गई। 2018 में अभी तक 254 लोग घायल हुए है। इनमें 66 लोगों की मौत हो गई। आंकडे बताते है कि हम इन घटनाओं के लिए स्वयं दोषी है, क्योंकि वाहन चलाने के दौरान या तो हेलमेट का उपयोग नहीं करते या फिर चौपहिया वाहन चलाने के दौरान सीट बेल्ट नहीं लगाते है।
कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट अतिथि नीता पटेरिया ने कहा कि युवा अधिक तेज वाहन चलाते है। इसके कारण दुर्घटना की संभावना बनी रहती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विधायक दिनेश राय ने कहा कि जब यातायातकर्मी कार्रवाई करते है तो लोग हमारे पास मदद के लिए आते हैं लेकिन हम उन्हें सहानुभूति पूर्वक समझाते है और उन्हें भविष्य में यातायात नियम ना तोडऩे के लिए प्रेरित करते हैं। एएसपी गोपाल प्रसाद खांडेल ने भी संबोधित किया। रक्षित निरीक्षक सुनील नागवंशी, कोतवाली थाना प्रभारी अमित विलाश दाणी, यातायात पुलिसकर्मी अशोक मर्सकोले को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया। सप्ताहभर चले कार्यक्रम में प्रतियोगिता में भाग लिए बच्चों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष प्रतिक्षा राजपूत, एसडीओपी एसएन पाठक, बीआर कुमरे, दिनेश दुबे, आरआर चौधरी, सविता राजपूत, ब्रजबिहारी तिवारी, यशवंत ठाकुर, अशोक रजक, नूरसिंह बघेल, अशोक मर्सकोले, रामकुमार बघेल, कुलदीप यादव, नवीन बघेल, संतोष उइके, संजय वरकड़े, महेश नागवंशी, कृष्णकुमार भालेकर, सत्यभान कंगाले, तरूण टेंभरे, जितेन्द्र सोनी, विनय सेंगर, महेश कोराम, शिवपाल नवरेती, हरीप्रसाद शर्मा, अशोक दाहिया, राजू गहलोद, ह्दयराम डहेरिया, हटेसिंह बंजारा, गायत्री इनवाती, शशि कुमरे, जयप्रकाश दीक्षित, लेखराम चौधरी आदि का सहयोग सराहनीय रहा।