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सत्ता परिवर्तन के एक माह बाद ही टूटे गरीबों के आशियाने

locationसिवनीPublished: Jan 10, 2019 12:29:06 pm

Submitted by:

mahendra baghel

एसडीएम और तहसीलदार के सख्त तेवर से हटा अतिक्रमण

power, the broken poor

सत्ता परिवर्तन के एक माह बाद ही टूटे गरीबों के आशियाने

सिवनी. नगर घंसौर में शासकीय भूमि पर फैले अतिक्रमण को हटाने आखिरकार प्रशासन ने सख्त तेवर दिखाते हुए बुधवार को भारी पुलिस बल के बीच कार्रवाई की। क्षेत्र में चर्चा है कि वर्षों से जो अतिक्रमण थे, उन्हें सत्ता परिवर्तन के महीने भर बाद ही हटा दिया गया है। जिसको लेकर लोगों में नाराजगी भी है।
अतिक्रमण हटाने की गई कार्रवाई के मौके पर एसडीएम रजनी वर्मा, तहसीलदार अमृतलाल धुर्वे राजस्व अमले के साथ मौजूद रहे। कार्रवाई की शुरुआत दोपहर करीब 12 बजे तहसील कार्यालय के नजदीक शासकीय भूमि पर जमे अतिक्रमण से हुई। इस दौरान वर्षों से जमे अतिक्रमणकारियों के कच्चे-पक्के निर्माण कार्य ध्वस्त किए गए। अपना आशियाना टूटते देख कई अतिक्रमणकारी विरोध में भी सामने आए, जिन्हें पुलिस ने शासकीय कार्य में बाधा पहुंचाने पर उठाकर पुलिस थाना भी लेकर गई। प्रशासन के सख्त रवैया के आगे अतिक्रमणकारी बेबस नजर आए।
नागरिकों का कहना है कि घंसौर के इतिहास में शायद पहली बार प्रशासन ने इतनी सख्ती से अतिक्रमण हटाया। इस बीच कुछ लोगों ने अतिक्रमणकारियों को साथ में लेकर सुर्खियां बटोरने का काम जरूर किया। वहीं घंसौर के स्थानीय जनप्रतिनिधि और राजनीतिक दलों के प्रमुख पदाधिकारियों ने प्रशासन की इस मुहिम से दूरी बनाकर रखी। घंसौर का कोई भी बड़ा नेता या जनप्रतिनिधी अतिक्रमणकारियों की पैरवी करते नजर नहीं आया।
अतिक्रमण हटाए जाने की कार्रवाई से आहत यहां रहने वाले लोगों ने रोते हुए प्रशासन पर भेदभाव के आरोप भी लगाए। बताया जा रहा है कि विगत दिनों कोयतूर गोंडवाना महासभा घंसौर द्वारा तहसीलदार को ज्ञापन सौंपकर अतिक्रमण हटाने की मांग शासन-प्रशासन के समक्ष रखते हुए आंदोलन की चेतावनी दी थी। वहीं जानकारी के अनुसार कलेक्टर ने घंसौर में फैले अतिक्रमण के मामले में विशेष रूचि लेते हुए निर्देश भी जारी किए हैं। जिनके निर्देशन में स्थानीय अमले द्वारा सिलसिलेवार अतिक्रमण हटाया गया।
अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई दिनभर चलती रही। तहसील कार्यालय के आसपास से अतिक्रमण हटाने के बाद आरआई कार्यालय के बाजू में मुख्य सड़क पर भी निर्माण कार्य सहित चाय पान के ठेला हटाए गए। प्रशासन की इस कार्रवाई को जहां कुछ लोग अलग ही रंग दे रहे हैं, वही लोग इसे नगर विकास की दृष्टि से जोड़कर भी देख रहे हैं। घंसौर में दिनोंदिन बसाहट बढ़ती जा रही है, ऐसे में बाहर से आकर लोग दुकान व अन्य रोजगार में संलग्न हैं। लोग यहां स्थाई ठिकाना बनाना चाहते हैं जिसके चलते रिक्त पड़ी शासकीय भूमि पर किसी न किसी बहाने कब्जा कर स्थाई रूप से पक्के निर्माण कार्य करा लेते हैं।
प्रशासन द्वारा चलाई जा रही अतिक्रमण विरोधी मुहिम से एक तरफ अतिक्रमणकारियों की नींद उड़ चुकी है वहीं इस कार्रवाई से बेघर हुए कुछ लोग अपना ठिकाना ढूंढ रहे हैं। सड़क किनारे फुटपाथ पर लोग चाय-नाश्ते की दुकानें चलाकर जीवन-यापन करते थे। अब यहां अतिक्रमण पर जेसीबी मशीन चलने के बाद टूटे आशियाने से मायूस लोग अपनी जरूरत का सामान समेट रहे हैं, तो वहीं से गुजरते हुए लोगों का कहना था कि सत्ता परिवर्तन हुए एक माह भी नहीं बीता और गरीबों को भयानक ठंड में सड़क पर ला दिया गया। बताया जा रहा है कि प्रशासन की यह कार्रवाई आने वाले तीन दिन तक संचालित हो सकती है।
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