scriptजिले में कोरोना के बाद मंडारा रहा मलेरिया का खतरा | After corona in the district, the danger of malaria was looming | Patrika News

जिले में कोरोना के बाद मंडारा रहा मलेरिया का खतरा

locationसिवनीPublished: Jun 17, 2021 10:01:47 am

Submitted by:

akhilesh thakur

सीएमएचओ बोले, किसी भी सूरत में आसपास न होने दें जलभराव

malaria

malaria

सिवनी. जिले में कोरोना के बाद अब मलेरिया का खतरा मंडरा रहा है। जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में जलभराव इसका आमंत्रण दे रहे हैं। यदि समय रहते इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो स्थिति बिगड़ सकती है। इसको लेकर सीएमएचओ डॉ. केसी मेश्राम ने कहा है कि किसी भी सूरत में अपने आसपास के क्षेत्र में जलभराव न होने दें।
जिले में इन दिनों मलेरिया सप्ताह मनाया जा रहा है। लोगों से आसपास पानी भराव नहीं होने देने की नसीहत दी जा रही है। इन सबके बीच नागपुर रोड स्थित सब्जी मंडी परिसर के खाली स्थानों पर तालाब का सा नजारा बना हुआ है। यह स्थिति तब है जब अभी बारिश का दौर शुरू ही नहीं हुआ है। इससे डेंगू और मलेरिया के मच्छरों के पनपने के आसार मजबूत दिखाई दे रहे हैं। इसके अलावा शहर के निचले इलाके हड्डी गोदाम और सूफी नगर के हॉल भी बेहतर नहीं दिख रहे है। ऐसे में स्वास्थ्य महकमे के आला अफसरों का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बाद मलेरिया जिले में बड़ा खतरे के रूप में उभर कर सामने आ सकता है।

मलेरिया उन्मूलन की ओर बढ़ते कदम, जनभागीदारी से होगी जीत
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. केसी मेश्राम ने बताया कि कलेक्टर डॉ. राहुल हरिदास फटिंग के निर्देशन में राष्ट्रीय वाहक जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम अंतर्गत प्रतिवर्ष अनुसार इस वर्ष भी मलेरिया निरोधक माह एक जून से 30 जून तक मनाया जा रहा है। इसके अंतर्गत मलेरिया रथ का भ्रमण जिले के समस्त सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रो के मलेरिया प्रभावित ग्रामें में किया जा रहा है। वर्ष 2021 में शासन के निर्देशानुसार मलेरिया कीटनाशी दवा अल्फासाइपर मेथ्रिन का छिड़काव 5 ब्लॉको के 6 मलेरिया प्रभावित ग्राम में किया जा रहा है। यह छिड़काव कार्यक्रम दो चरणों में सम्पन्न होना है। प्रथम चक्र 16 जून से पांच जुलाई तथा द्वितीय चक्र एक सितम्बर से 20 सितंबर तक सम्पन्न होना है।
जिले के समस्त विकासखंडो के स्थायी और अस्थायी जल श्रोतो में मलेरिया नियंत्रण हेतु तीन लाख गम्बूसिया मछली का संचयन किया जाएगा। जिला मलेरिया अधिकारी स्मृता नामदेव ने बताया कि जिले में विगत 5-6 वर्षों में मलेरिया के केसों में निरंतर कमी पाई गई है। इसके अंतर्गत क्रमश: वर्ष 2016 में 601, वर्ष 2017 में 384, वर्ष 2018 में 483, वर्ष 2019 में 102, वर्ष 2020 में 21 तथा वर्ष 2021 में दो मलेरिया पॉजिटिव केस पाए गए हैं। सबसे खतरनाक माना जाने वाला मलेरिया मस्तिष्क ज्वर हो जाता है प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के केस भी लगातार कम हुए है। इसके अंतर्गत क्रमश: वर्ष 2016 में 212, वर्ष 2017 में 185, वर्ष 2018 में 270, वर्ष 2019 में 35, वर्ष 2020 में नौ प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम केस पाए गए हैं। वर्तमान में मात्र एक केस पाया गया है।
जिला मलेरिया अधिकारी ने बताया कि मलेरिया बुखार के लक्षणों वाले संभावित मरीजों की खोज कर उनकी जांच करना एवं पॉजिटिव होने पर पूर्ण उपचार प्रदान करना तथा मलेरिया ट्रांसमिशन को रोकना मलेरिया निरोधक माह का प्रमुख उद्देश्य है। ग्राम स्तर पर आशा एवं स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा मलेरिया रैपिड किट से जांच की जा रही है। इसके परिणाम लगभग 15 से 30 मिनट के भीतर प्राप्त हो जाता है। पॉजिटिव परिणाम के अनुसार उन्हें उम्र के अनुसार दवाइयां दी जा रही है। मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों से बचाव रोकथाम नियंत्रण व उपाय के बारे में जानकारियां लोगों के मध्य प्रचारित प्रसारित करने से जनजागरूकता बढ़ी है, जिसका परिणाम है कि मलेरिया जैसे रोगो में कमी आई है। बारिश के मौसम में जगह.जगह पानी का जल जमाव होने लगता है यह समय मच्?छरों की उत्पत्ति के अनुकूल होता है। मच्छरों की पैदावार बढऩे से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी बीमारियो का संक्रमण बढऩे की संभावना रहती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं जिला मलेरिया अधिकारी नामदेव ने आमजन से अपील की है कि घर एवं छत पर रखी पानी की टंकियों/टाकों को ढंककर रखे, जिससे मच्छर अंडे न दे पाए। बेकार टायरों में पानी जमा न होने दें। पॉलीथिन से ढके या ऐसे स्थान पर रखे जहां बरसात का पानी इनमें न भरे। कूलर मे भरे पानी को सप्ताह में एक बार अवश्य खाली करे एवं सूखने के बाद पानी भरे। हैंड पंप तथा नल के आसपास जमा पानी की निकासी कर मच्छर की उत्पत्ति को रोके। कुएं, तालाब एवं पोखरों में लार्वाभक्षी गंबूशिया मछली डाले। टूटे बर्तन, मटके, कुल्हड़, गमले, बिना ढके बर्तन, बेकार जूते, नारियल खोल, डिस्पोजल कप नष्ट करे या उनमें पानी जमा न होने दे। घर की खिड़की एवं दरवाजो पर मच्छर रोधी जाली लगाएं, फुल बांह के कपड़े पहने, सोते समय मच्छरदानी का नियमित उपयोग करे।

मलेरिया से रहे सतर्क, पीएचई ने जारी की एडवाइजरी
वर्षा ऋतु के आगमन के साथ मच्छर जनित रोग मलेरिया की संभावनाएं बढ़ गई हैं। लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने एडवाइजरी जारी कर लोगों से सतर्क रहने की अपील की है। मलेरिया परजीवी का संक्रमण संक्रमित मादा एनाफिलीज मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर रूके हुए साफ पानी में पैदा होता है। घर के आसपास कहीं भी खुले स्थान पर पानी एकत्रित न होने दें।
मलेरिया के लक्षणों में ठंड लगकर तेज बुखार आना, पसीना आकर बुखार उतर जाना, रूक-रूक कर बुखार आना, सिर दर्द और उल्टी होना तथा बैचेनी, कमजोरी, सुस्ती महसूस होना शामिल है। मलेरिया के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल शासकीय स्वास्थ्य संस्था अथवा आशा कार्यकर्ता से संपर्क कर खून की जांच कराएं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो