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रात नौ बजे ऑन कॉल ड्यूटी चिकित्सक ने सात साल के मासूम का उपचार करने से कर दिया मना

locationसिवनीPublished: Sep 24, 2021 08:55:07 am

Submitted by:

akhilesh thakur

प्लॉस्टर के लिए मांगा १५ सौ रुपए, मरीज के पास था एक हजार रुपए नहीं किया उपचार

रात नौ बजे ऑन कॉल ड्यूटी चिकित्सक ने सात साल के मासूम का उपचार करने से कर दिया मना

रात नौ बजे ऑन कॉल ड्यूटी चिकित्सक ने सात साल के मासूम का उपचार करने से कर दिया मना

सिवनी/छपारा. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छपारा की स्वास्थ्य सुविधाएं चरमरा गई हैं। ड्यूटीरत चिकित्सक अस्पताल की जगह शासकीय आवास में प्रैक्टिस कर रहे हैं। अस्पताल में जाने वाले मरीजों का उपचार नहीं किया जा रहा है। इतना ही नहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में तैनात एक चिकित्साधिकारी अपने शासकीय आवास पर पूर्व में सीएमएचओ व सिविल सर्जन रहे अपने पिता के नाम का बोर्ड टांग रखा है। इसकी शिकायत पीडि़त ने की है।
छपारा के माता वार्ड निवासी सुनील सैयाम ने बताया कि वे सात वर्ष के भांजे को खेलते समय चोट लगने पर उपचार कराने के लिए बुधवार की रात करीब ९.०० बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे। अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात नर्स को उपचार के लिए बोला तो उसने बताया कि इस समय ड्यूटी पर डॉ. पीयूष श्रीवास्तव है। आप उनको दिखा लीजिए। सुनील सैयाम ने अस्पताल में उनको ढूढ़ा पर नहीं मिले। इस पर वे परिसर स्थित उनके शासकीय आवास पर गए, जहां वे इलाज के लिए तैयार हो गए। बच्चे की चोट को देखकर कहा कि प्लास्टर करना होगा। उन्होंने अपने निजी क्लीनिक पर प्लॉस्टर कराने की सलाह दी। ऑन कॉल ड्यूटी पर तैनात चिकित्सक डॉ. पीयूष श्रीवास्तव से जब सुनील ने कहा कि अस्पताल में भी तो प्लॉस्टर हो जाता है। इस पर उन्होंने कहा कि नहीं होगा। आप अस्पताल के सामने करा लीजिए। डॉक्टर के आवास पर मौजूद एक व्यक्ति ने वहीं पर एक्स-रे की फीस 500 रुपए बता दिया। कहा कि एक्स-रे कराकर लाओ या बोलो तो बिना बिना एक्स-रे के 15 सौ रुपए में कच्चा प्लास्टर कर देंगे, तब सुनील ने कहा 1500 रुपए नहीं है। एक हजार रुपए ले लीजिए। डॉक्टर 1200 रुपए पर प्लास्टर करने के लिए तैयार हो गया, लेकिन सुनील के पास केवल एक हजार रुपए थे। इस पर उन्होंने मना कर दिया। घंटों अस्पताल परिसर में परेशान होने के बाद सुनील ने मेडिकल से फैक्चर प्लास्टर खरीद कर एक प्राइवेट स्थान पर अपने भांजे का प्लास्टर करवा लिया, लेकिन डॉक्टर ने ड्यूटी में होते हुए भी इलाज नहीं किया। इतना ही नहीं उस समय रात में अपने शासकीय आवास पर इलाज करते रहे, लेकिन अस्पताल में उन्होंने पहुंचकर इलाज नहीं किया। इसको लेकर सुनील ने सीएम हेल्पलाइन में पूरे घटनाक्रम की शिकायत दर्ज कराई। इस घटना के बाद बड़ा सवाल उठता है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में स्वास्थ सुविधाओं को बेहतर करने के लिए क्षेत्रीय विधायक राकेश पाल सिंह ने तमाम तरह की सुविधाएं मुहैया कराई है, लेकिन इसके बाद भी आमजनों को इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है।
वर्जन – एक –
फिलहाल मैं अभी बाहर हूं। पहुंचकर जानकारी पूरे मामले की जानकारी लूंगा। इसके बाद जो उचित होगा वह कार्रवाई की जाएगी।
– डॉ. देवाशीष बनर्जी, बीएमओ छपारा।

वर्जन – दो
मैं ऑन कॉल ड्यूटी पर नहीं था। मैंने पैसे के लिए किसी को उपचार करने से मना नहीं किया है। मेरे पिताजी मेरे साथ रहते हैं। इसलिए उनके नाम का बोर्ड लगाया गया है।
– डॉ. पीयूष श्रीवास्तव, चिकित्साधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र छपारा

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