सिवनी. बांस की उपयोगिता को बढ़ाने, रोजगार के अवसर बनाने के प्रयास में शासन के प्रयास हैं कि शालाओं में उपयोग होने वाले फर्नीचर बांस के बने हों। यानि इस शिक्षण सत्र से जिले के स्कूलों में बांस से बने फर्नीचर पर बैठे विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करते नजर आ सकते हैं। क्योंकि जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूलों में बांस से बने फर्नीचर का उपयोग करने के निर्देश लोक शिक्षण संचालनालय ने पूर्व में दिए जा चुके हैं। विभागीय मुख्यालय भोपाल से जिला शिक्षा अधिकारी को जारी निर्देश में कहा गया है कि फर्नीचर में बांस का उपयोग होने से इसकी मांग बढ़ेगी। इस व्यवस्था से बांस के उत्पादन और रोजगार के अवसरों में वृद्धि होगी। स्कूलों में छात्रों को पर्यावरण पर बांस के सकारात्मक प्रभावों के बारे में शिक्षित करने के लिए भी कहा गया है। इस आदेश का पालन करने सभी सम्बंधित विद्यालय प्रमुखों को निर्देशित किया जा रहा है कि बांस का उपयोग फर्नीचर में किया जाए। इस तरह से जिले में बांस से रोजगार प्राप्त करने वालों को भी अवसर प्राप्त होंगे और मांग बढऩे से उत्पादन में भी वृद्धि होगी। जिले में बांस की कमी रही है समस्या – जिले में वर्षों से बंसकार समाज के लोग बांस की कमी और रोजगार की समस्या उठा रहे हैं। इन्हें वन विभाग के डिपो से मांग के मुताबिक बांस की उपलब्धता नहीं होती। इससे ये पूरे साल काम नहीं कर पाते। इधर वन अधिकारी कहते हैं कि बांस उत्पादन में कमी के कारण मांग की पूर्ति कर पाना संभव नहीं है। इस स्थिति में लगातार बांस से निर्मित सामग्री महंगी हो रही है। इसी कारण लोग प्लास्टिक से बने टोकने, सूपे, टोकनी और अन्य सामग्री का उपयोग करने लगे हैं। इनका कहना है – निर्देशों का होगा पालन – जो भी निर्देश विभागीय मुख्यालय से प्राप्त होते हैं, उनका आवश्यक रूप से पालन किया जाता है। जो भी निर्देश मिलेंगे, उनका पालन आवश्यक रूप से किया जाएगा। जीएस बघेल, डीईओ सिवनी
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