नोटबंदी के बाद किस तरह लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसका नजारा कई बार देखने को मिला है।
छपारा. नोटबंदी के बाद किस तरह लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है इसका नजारा कई बार देखने को मिला है। नोटबंदी के बाद बैंकों की लापरवाही भी खुलकर सामने आई जिसमें बैंकों के प्रबंधकों की कार्यप्रणाली कटघरे में खड़ी हो गई। छपारा के स्टेट बैंक से सालीवाड़ा निवासी रंजीत नामक युवक ने 28 दिसंबर को पैसे निकलवाए थे जिसमें से बैंक ने 10-10 रुपयों की एक हजार रुपए की गड्डी थमा दी। जब रंजीत ने घर जाकर सोमवार को जरूरत पडऩे पर खर्च करना चाहा तो उसने देखा कि जो 10-10 रुपए के नोटों की गड्डी उसे दी गई है उनमें कुछ ऐसे 10-10 के नोट भी जिनका एक हिस्सा जल गया है। जिनके ऊपर बड़ी ही चालाकी से कागज चिपका दिया गया और वह 10-10 की गड्डी में रख दिया गया। युवक के पास इस तरह के चार नोट हैं। आश्चर्य इस बात का है कि उक्त नोटों की गड्डी देते समय बैंक प्रबंधन ने भी यह नहीं देखा कि उपभोक्ता को वह जो नोट दे रहे हैं उसमें जले हुए नोट भी हैं।