कोरोना पर हुई संगोष्ठी, नागरिकों ने दिए सुझाव भारत सरकार ने राष्ट्रीय आपदा की श्रेणी में कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप को माना है और इस घातक बीमारी के कारण देश में लगातार बढ़ते मरीज और जिले में इससे बचने की जागरूकता के लिए हमें लोगों को अवगत कराना है। निश्चित ही हमारी सतर्कता इस अभियान में हमें इसे रोकने में मदद करेगी। यह बात नेताजी सुभाषचंद्र बोस कन्या महाविद्यालय सिवनी में कोरोना वायरस के विषय पर संगोष्ठी के अवसर पर डॉ. शाहेदा खान ने कही।
प्रो. शैलेन्द्र बघेल ने कहा कि यह समय बहुत संवेदनशील है और ऐसे समय में संयम की जरूरत है। अगर हम अपने साथ-साथ दूसरों को भी इस बीमारी के लक्षण से अवगत कराएं तो हो सकता है कि इस बीमारी से हमारा सामना ही ना हो। समिता शर्मा ने कहा कि जिस तरह से यह रोग पैर पसार रहा है, ऐसे में सार्वजनिक कार्यो से हमें बचने की जरूरत है। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर सामूहिक खड़े होना, हाथ मिलाना आदि कृत्यों से बचने की कोशिश करना चाहिए। निधी मिश्रा ने कहा कि प्रशासन अपना काम कर रहा है लेकिन हम सबको मिलकर इस ज्वलंत समस्या के समाधान के लिए प्रशासन का सहयोग करना चाहिए। तभी हम इस समस्या से निजात पा सकते है। सकिना खान ने कहा कि अधिक भीड-भाड़ वाले इलाके से लोग दूरी बनाएं और अपने साथ-साथ दूसरों को भी यह बताने का प्रयास करें कि अगर आप इस रोग से बचना चाहते हंै तो ऐसे रोगियों को पास ना आने दें। नेहा सोनी ने कहा कि यह एक महामारी है और इस महामारी के परिणाम सिर्फ मौत के रूप में सामने आए हैं। ऐसी स्थिति में हमें चाहिए कि हम लोगों को इससे बचाने में अपना सहयोग दें। श्रीकांत नामदेव ने कहा कि मढ़ई-मेला एवं आध्यात्मिक समागम पर प्रशासन का प्रतिबंध तो लगाया गया लेकिन हमारी जागरूकता से ही समाज इस रोग से निजात पा सकता है। चेतना डहेरिया ने कहा कि दिन में अनेको बार हाथ धोने से इस रोग से निजात मिल सकती है। साथ ही आपस में हाथ मिलाने से बचने का प्रयास सभी को करना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान उपस्थितजनों ने मुंह में मास्क लगाकर लोगों को संदेश दिया कि जिस तरह हमने अपने चेहरे पर मास्क लगाया है सतर्कता की दृष्टि से आप भी यह अपना सकते हैं।
प्रो. शैलेन्द्र बघेल ने कहा कि यह समय बहुत संवेदनशील है और ऐसे समय में संयम की जरूरत है। अगर हम अपने साथ-साथ दूसरों को भी इस बीमारी के लक्षण से अवगत कराएं तो हो सकता है कि इस बीमारी से हमारा सामना ही ना हो। समिता शर्मा ने कहा कि जिस तरह से यह रोग पैर पसार रहा है, ऐसे में सार्वजनिक कार्यो से हमें बचने की जरूरत है। साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर सामूहिक खड़े होना, हाथ मिलाना आदि कृत्यों से बचने की कोशिश करना चाहिए। निधी मिश्रा ने कहा कि प्रशासन अपना काम कर रहा है लेकिन हम सबको मिलकर इस ज्वलंत समस्या के समाधान के लिए प्रशासन का सहयोग करना चाहिए। तभी हम इस समस्या से निजात पा सकते है। सकिना खान ने कहा कि अधिक भीड-भाड़ वाले इलाके से लोग दूरी बनाएं और अपने साथ-साथ दूसरों को भी यह बताने का प्रयास करें कि अगर आप इस रोग से बचना चाहते हंै तो ऐसे रोगियों को पास ना आने दें। नेहा सोनी ने कहा कि यह एक महामारी है और इस महामारी के परिणाम सिर्फ मौत के रूप में सामने आए हैं। ऐसी स्थिति में हमें चाहिए कि हम लोगों को इससे बचाने में अपना सहयोग दें। श्रीकांत नामदेव ने कहा कि मढ़ई-मेला एवं आध्यात्मिक समागम पर प्रशासन का प्रतिबंध तो लगाया गया लेकिन हमारी जागरूकता से ही समाज इस रोग से निजात पा सकता है। चेतना डहेरिया ने कहा कि दिन में अनेको बार हाथ धोने से इस रोग से निजात मिल सकती है। साथ ही आपस में हाथ मिलाने से बचने का प्रयास सभी को करना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान उपस्थितजनों ने मुंह में मास्क लगाकर लोगों को संदेश दिया कि जिस तरह हमने अपने चेहरे पर मास्क लगाया है सतर्कता की दृष्टि से आप भी यह अपना सकते हैं।